पटना में पुलिस ने एक बड़े आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया। वहीं इसके तार कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन PFI से जुड़े हैं। इस मॉड्यूल का खुलासा करते हुए पटना पुलिस ने दो आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है। इस बीच पटना के एसएसपी ने पूरे मामले पर एक ऐसा बयान दे दिया, जिसको लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल, आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद उनके संगठन और मंसूबों से जुड़ी जानकारी देने के लिए पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों सामने आये। इस दौरान उन्होंने चौंकाने वाला बयान देते हुए चरमपंथी इस्लामिक संगठन PFI की तुलना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से कर दी।

पटना एसएसपी ने अपने बयान में कहा- “यह लोग मदरसे, मस्जिदों में युवाओं को कठोरता की ओर मोबिलाइज करते थे और उन बच्चों को कट्टर बना रहे थे। इनका जो मोडस (उद्देश्य) था कि यह लोग, जैसे शाखा होती है, RSS अपनी शाखा में लाठी की ट्रेनिंग देती है। ठीक वैसे ही यह लोग भी शारीरिक प्रशिक्षण के नाम पर युवाओं को बुलाकर प्रशिक्षित कर रहे थे। इसके साथ वो अपना एजेंडा और प्रोपेगेंडा उनके माध्यम से युवाओं का ब्रेन वॉश करने का काम कर रहे थे।“

साभार- ANI

इस बयान पर विवाद खड़ा होने के बाद पुलिस मुख्यालय ने गुरुवार को उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर 48 घंटे के भीतर जवाब मांगा है। वहीं बीजेपी ने उनकी फौरन बर्खास्तगी की मांग की है।

जाहिर है पटना के एसएसपी के इस बयान पर बवाल होना लाजिमी है। लेकिन सवाल ये कि क्या वो यह नहीं जानते थे कि PFI एक ऐसा कट्टरपंथी संगठन है, जो देश को तोड़ने, देश को जलाने जैसे और देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहता है। देश में कोई हिंसा होती है, तो उससे PFI का नाम जुड़ ही जाता है। जिसके कारण PFI को बैन करने की मांग भी उठाई जाती रही है।

इस तरह के संगठन की तुलना अगर RSS से की जाएगी तो जाहिर है उसपर सवाल उठेगा. इस बयान को लेकर BJP हमलावर हो गई है और SSP मानवजीत सिंह ढिल्लों से माफी मांगने और उन्हें उनके पद से हटाने की मांग कर रही है। वहीं नीतीश कुमार इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे बैठे हैं। कार्रवाई के नाम पर दिखावे के लिए महज राज्य सरकार की ओर से एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों को नोटिस जारी कर पूछा जाता है कि आखिर उन्होंने इस तरह का बयान क्यों दिया?

ऐसे में सवाल ये भी कि बीजेपी आखिर नीतीश कुमार और उनके एसएसपी के इस तरह के बयानों को बर्दाश्त कैसे कर सकती है, जो RSS को लेकर इस तरह की घटिया सोच रखते हैं? आखिर क्यों BJP ऐसी सरकार का समर्थन कर रही है, जिसके राज में इस तरह की विचारधारा को बढ़ावा दिया जा रहा है और RSS के बारे में ऐसी बातें फैलाई जा रही हैं?

 

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