भारत देश में रहने से डरने वाले लोगों को कभी भारत के इतिहास से तो कभी भारतीय संस्कति से परेशानी होती ही रहती है. ऐसे ही एक कलाकार हैं नसीरुद्दीन शाह जिन्हें जिस भारत देश ने दाना-पानी और सिर पर छत मयस्सर कराया उसी देश के खिलाफ नसीरुद्दीन शाह ने हमेशा अपने मुंह से जहर ही उगला है. पिछले कुछ सालों से वे भारत और खासकर सनातन संस्कृति के खिलाफ अपनी कुंठा निकालते ही रहते हैं.
उन्होंने कई मौकों पर मोदी सरकार की आलोचना करते हुए उन्हें मुसलमानों के खिलाफ बताया है. अब उनकी पत्नी रत्ना पाठक शाह ने भी हिंदू त्योहार के खिलाफ जहर उगला है. सुहागिन महिलाओं द्वारा किये जाने वाले करवा चौथ पर्व को अंधविश्वास और रूढ़िवादिता बताते हुए रत्ना पाठक शाह ने करवा चौथ पर्व करने वाली महिलाओं का मजाक उड़ाया है. रिपोर्ट के मुताबिक रत्ना पाठक शाह ने एक इंटरव्यू में कहा कि किसी ने उनसे पिछले साल पूछा था कि वे करवा चौथ पर पति की सलामती के लिए व्रत रखती हैं या नहीं. मैंने कहा, ‘क्या मैं पागल हूं, जो ऐसा करूंगी?’
रत्ना पाठक शाह ने कहा, ‘क्या यह भयानक नहीं है कि पढ़ी-लिखी आधुनिक महिलाएं भी करवा चौथ करती हैं. वे पति के लंबे जीवन के लिए प्रार्थना करती हैं, जिससे उन्हें विधवा होने का कोप न झेलना पड़े. क्या भारत के संदर्भ में एक विधवा के लिए यह एक भयानक स्थिति नहीं है. तो क्या मुझे वो सब कुछ करना चाहिए, जो मुझे विधवापन से दूर रख सके. हैरत है. 21वीं सदी में भी हम इस तरह की बातें कर रहे हैं? हैरानी की बात है कि शिक्षित महिलाएं भी ऐसा कर रही हैं.
इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि “महिलाओं के लिए कुछ भी नहीं बदला है. कुछ क्षेत्रों में अगर बदलाव आया है तो वह भी बहुत थोड़ा है. हमारा समाज अत्यंत रूढ़िवादी होता जा रहा है. हम अंधविश्वासी होते जा रहे हैं, हमें धर्म को स्वीकार करने और अपने जीवन का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा बनाने के लिए मजबूर किया जा रहा है.
रत्ना पाठक के इस बयान का विरोध करते हुए कई लोगों ने उन्हें सोशल मीडिया पर उन्हें आइना दिखाते हुए इस्लाम पर बोलने की चुनौती दी है. एक यूजर ने कहा कि “अगर करवा चौथ रूढिवादिता है तो इस्लाम के तीन तलाक, हलाला और नजदीकी रिश्तों में शादी पर उनके क्या विचार हैं. उन्हें इन मुद्दों पर भी बोलने की हिम्मत दिखानी चाहिए”
वैसे रत्ना शाह के मुख से भारत और भारतीय संस्कृति के बारे में दो बोल मीठे शब्द के निकलते भी कैसे ? ये नसीरुद्दीन शाह की बीबी जो ठहरीं , वही नसीरुद्दीन शाह जिन्होंने कहा था कि उन्हें भारत में रहने में भी डर लगता है, क्योंकि ‘देश में असहिष्णुता बढ़ रही है’। इतना ही नहीं अनुच्छेद 370 के हटने से लेकर CAA तक के मुद्दे पर भारत विरोधी तत्वों को बढ़ावा देने में नसीरुद्दीन शाह ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी।
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