मैंने अपने पिछले लेख में मोदीजी की विदेशनीति पर अपनी राय रखी थी, जिसमें उन्होंने किस प्रकार से पाकिस्तान को अलग थलग किया उसका विश्लेषण था !
उसमें एक मुद्दा था की यूएई और साउदी अरब भारत के समर्थन में है ! तो आज इस लेख में वो बाते की गई है।
सबसे पहले बात यूएई की :
यूएई के साथ भारत ६० बिलियन डॉलर्स का व्यापार करता है… जो भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है और सबसे ज्यादा तेल आपूर्तिकर्ता के रूप में यूएई का स्थान चौथा है। लतीफा नामक एक यूएई राजकुमारी यूएई से भागकर भारत आयी थी लेकिन भारतीय तटरक्षक ने उन्हें गोवा से ही वापस यूएई भेज दिया !
मोदीजी के लिए, हिंदुस्तान का हित महत्वपूर्ण है। यदि एक या दो लोगों के ‘मानवाधिकारों’ पर अंकुश लगाया जाता है, तो मोदीजी पीछे नहीं हटेंगे। हिंदुस्तान ने यूएई एक विश्वसनीय व्यक्तित्व स्थापित करने में यह कदम उठाया है ! हम सोचते होंगे की राजकुमारी का ये मानवाधिकार है और हमें क्या लेना देना ? लेकिन राजकुमारी को वापस लौटा कर मोदीजी ने साबित किया की वे एक विश्वासपात्र व्यक्तित्व है और पूरा हिंदुस्तान भी !!! इसी वजह से वहाँ पर हिन्दू मंदिर का निर्माण हो रहा है ! इसी विश्वसनीयता और पारिवारिक संबंधो के चलते मोदीजी को २०१९ में उन्होंने सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार प्रदान किया।
अब बात करते है साउदी अरब की :
इसमें कोई संदेह नहीं की २०१६ में ट्रम्प के आने के बाद भारत अमेरिका की तरफ ज्यादा झुक गया था। अमेरिका और सऊदी एक दूसरे के अच्छे साझेदार है और ईरान से निपटने के लिए अभी जो बिडेन को भी सऊदी की जरुरत है और उसी वक्त भारत जैसा बड़ा बाजार सऊदी को आकर्षित कर रहा था। ईरान का भारत पर से प्रभाव कम करने के लिए सऊदी और अमेरिका कार्यरत है और वे सफल भी हुए है ! सऊदी अरब भी हमारे लिए अच्छा ऑइल सप्लायर है और अपना व्यापार बढ़ाने के लिए रिलायंस और दूसरी बड़ी कंपनीओं से उसने करार किये। इस हिसाब से हिंदुस्तान ने ईरान पर से अपनी बहुत निर्भरता कम कर दी है, लेकिन साथ में ईरान के चाबहार पोर्ट को विकसित कर उससे रिश्ते बनाये रखे है !
पाकिस्तान को साथ देने के लिए एक देश ने भारत के सामने बोलने की हिम्मत की थी और वो है मलेशिया !!! जब मलेशिया ने कश्मीर का मुद्दा यूनाइटेड नेशन्स में उठाया तब पाकिस्तान बहुत खुश हुआ लेकिन मलेशिया जान गया की उसने पैर ही कुल्हाड़ी पर मार दिया ! भारतीयों ने खुद ही मलेशिया से पाम ऑइल लेना बंद किया और मलेशिया के प्रधानमंत्री को कुर्सी छोड़नी पड़ी।
अभी की स्थिति ये है की अगर आप हिंदुस्तान के खिलाफ बोलेंगे तो आपका सिंहासन जरूर डोलेगा।
जय हिन्द
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