एक समाज के रूप में हम लोग कहां जा रहे है, ये एक चिंतन का विषय है। क्या जिन लोगो को हम आदर्श मानते है वो वास्तव में हमारी इज्जत के लायक है? जी हां, मै बात कर रहा हूं तथाकथित अभिनेता और क्रिकेट खेलने वालों की।

हमारे पास कभी भी महापुरुषों कि कमी नहीं हुईं। हमारा पूरा इतिहास ही महापुरुषों से भरा हुआ है लेकिन आज के समाज में जो लोग महापुरुष बनके बैठे है या फिर बनाए गए हैं, हमें उनका चरित्र समझने की जरूरत है। जब बात देश कि हो और समाज के उच्च वर्ग से कोई मदद ना मिले तो आप समझ जाना कि आप ग़लत लोगो का अनुसरण कर रहे हो। अब प्रश्न ये उठता है कि इन लोगो का असली चरित्र सामने आने के बाद भी ये लोग अभी भी टीवी पर कैसे दिख रहे है? और ठीक वैसे ही दिख रहे है जैसे एनसीबी ने कुछ किया ही ना हो। वहीं मुस्कुराता हुआ चेहरा, वही आत्मविश्वास से भरी हुई आवाज जिससे झूठ को सच में बदला जा सके।

अब वो समय आ गया है कि हमें मनोरंजन के साधन बदलने होंगे। हमें बॉलीवुड और क्रिकेट से ऊपर उठना पड़ेगा। हमें अपनी मेहनत से कमाया हुआ पैसा बॉलीवुड में नहीं लगाना है। आप उस पैसे का दान कर दें। उस पैसे को बचा ले लेकिन किसी ऐसी जगह मत लगाए जो हम लोगो को हानि प्रदान करे।

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