कभी कभी कुछ लोगों का न होना बहुत चुभता है…

राम मंदिर ट्रस्ट पर जिस नीचता के साथ दिल्ली वाला दलाल प्रहार कर रहा है, उसे देख कर घृणा होती है। ट्रस्ट ने मीडिया के समक्ष सारे साक्ष्य रख दिये और यह लगभग सिद्ध हो गया कि कोई हेरफेर नहीं हुई, बल्कि सामान्य बाजार भाव से कम मूल्य पर ही जमीन क्रय की गयी है। फिर भी वह जिस निर्लज्जता के साथ गाली गलौज कर रहा है, उसे देख कर बार बार सोचता हूँ कि काश आज अशोक सिंघल होते…


चंपत राय वे बुजुर्ग हैं जिन्होंने अपना समूचा जीवन धर्मकार्य में लगा दिया, पर यह टिकट ब्लैकर उन्हें ‘चालू चंपत” कह कर गाली दे रहा है। जानते हैं वह ऐसा क्यों कर पा रहा है? क्योंकि वह जानता है कि ये सहिष्णु लोग कुछ नहीं करेंगे। ज्यादा होगा तो वह किसी दिन चुपचाप माफी मांग लेगा, और बात समाप्त हो जाएगी। इसने तो अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत ही ऐसे ही झूठ से की थी। कभी यह शीला दीक्षित के भ्रष्टाचार का हजार पन्ने का साक्ष्य ले कर घूमा करता था। उसी के बल पर इसे सत्ता मिली, पर सरकार बनने के बाद इसका साक्ष्य जाने कहाँ घुस गया। यह आज भी वही धूर्तता कर रहा है।


साहब! ऐसे धूर्तों को साक्ष्य दे कर चुप नहीं कराया जा सकता। क्योंकि इन्हें सच से कोई मतलब ही नहीं है। यह राजनैतिक राखी सावंत चर्चा में रहने के लिए किसी को भी गाली दे सकता है। यहाँ तक कि ईश्वर को भी… धूर्तों का यही चरित्र होता है। मन्दिर के प्रति इसकी कोई श्रद्धा ही नहीं है, यह तो अपनी सारी शक्ति लगा बैठा था कि किसी भी तरह मन्दिर निर्माण बन्द हो जाय। इनका एक ही इलाज है… भूत मार से ही भागता है, कुत्ते डंडे से ही काबू में आते हैं। दुर्भाग्य से विश्व हिंदू परिषद या बजरंग दल जैसे संगठनों में आज कोई व्यक्ति ऐसा नहीं जो इस धूर्त को सबक सिखा सके…


वर्तमान समय में विश्व हिंदू परिषद या बजरंग दल जैसे आक्रामक संगठनों का पराभव एक अशुभ संकेत है। इन संघठनों को दुबारा शक्तिशाली बनाना होगा, क्योंकि कुछ काम इन्ही के किये हो सकते हैं।

सर्वेश तिवारी श्रीमुख
गोपालगंज, बिहार।

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