ED की जाँच में खुलासा – PFI से जुड़े संजय सिंह के तार, दिल्ली दंगो से पहले 10 से ज्यादा मीटिंग, व्हाट्सएप चैट और फंडिंग
जहां जहां PFI दंगे करवाने की कोशिश कर रहा हैं हर जगह जाते हैं संजय सिंह
दीपक शर्मा ने लगाये थे नारे – PFI के दलालों वापस जाओ
ED जांच में सामने आया PFI का कांग्रेस-AAP लिंक, संजय सिंह, उदित राज से था संपर्क
ईडी सूत्रों के मुताबिक PFI के 120.5 करोड़ रुपये 73 बैंक एकाउंट में क्रेडिट हुए थे, जिनमें से 27 PFI के और 9 रेहाब इंडिया फाउंडेशन के थे. 37 अन्य लोगों के एकाउंट थे. 17 अलग-अलग बैंक के एकाउंट थे. PFI के खातों ने ज्यादातर पैसा कैश में जमा हुआ था. इसमे से एक तिहाई पैसा PFI के शाहीनबाग स्थित हेडक्वार्टर में जमा हुआ था.
परवेज अहमद फोन कॉल और व्हाट्सएप के जरिए संजय सिंह के संपर्क में था. दोनों कई मीटिंग भी कर चुके थे. इसके अलावा परवेज अहमद कांग्रेस के कई नेताओं सहित उदित राज के संपर्क में भी था.
देश के कई शहरों में प्रतिबंधित और विवादित कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का दिल्ली अध्यक्ष मोहम्मद परवेज अहमद आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह के लगातार संपर्क में था. परवेज अहमद फोन कॉल और व्हाट्सएप के जरिए संजय सिंह के संपर्क में था. दोनों कई मीटिंग भी कर चुके थे. इसके अलावा परवेज अहमद कांग्रेस के कई नेताओं सहित उदित राज के संपर्क में भी था.
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में देश के कई शहरों में प्रदर्शन और उस दौरान हिंसा भड़काने का आरोपी कट्टरपंथी PFI को लेकर जारी परवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में यह खुलासा हुआ है. जांच में यह भी सामने आया है कि मोहम्मद परवेज अहमद और दूसरे PFI मेंबर्स CAA के विरोध प्रदर्शन में शामिल हैं. परवेज अहमद भीम आर्मी टॉप 100 और unification of muslim leadership जैसे व्हाट्स एप ग्रुप का सदस्य भी है.
वहीं गृह मंत्रालय (MHA) पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर बड़ी कार्रवाई करने जा रहा है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि गृह मंत्रालय पीएफआई पर नकेल कसने की तैयारी कर ली है.ऐसा बताया जा रहा है कि पीएफआई से जुड़े मामलों की जांच के लिए गृह मंत्रालय अलग से डेस्क बनाने जा रहा है.
सूत्रों के मुताबिक पीएफआई को लेकर गृह सचिव के नेतृत्व में गृह मंत्रालय में बड़ी बैठक हुई जिसमें ख़ुफ़िया विभाग के अधिकारी के साथ-साथ एनआईए के डीजी, प्रवर्तन निदेशालय और गृह मंत्रालय के दूसरे अधिकारी मौजूद थे. ऐसा बताया जा रहा है कि नागरिक संशोधन कानून के दौरान PFI की फंडिंग पर जांच का दायरा बढ़ेगा.
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