त्रेता युग में भगवान श्री राम की न्याय प्रणाली पर अयोध्या के धोबी ने संदेह किया था और तब भगवान राम ने अपने मर्यादा पुरुषोत्तम अवतार में जनक नंदिनी सीता को वाल्मीकि मुनि के आश्रम में छोड़ा था। युग बदल गए हैं समय बदल गया है मगर वह धोबी और उस जैसी सोच के लोग अब तक नहीं बदले हैं… राम के अस्तित्व को काल्पनिक बताने वाले यह गिरोह अब राम मंदिर ट्रस्ट पर संदेह जता रहे हैं। मानो त्रेता युग के धोबी अब कलयुग में संजय सिंह बनकर सामने आ गए हैं।
संजय सिंह ने वामपंथी गिरोहों और कांग्रेस आईटी सेल की मदद से जिस तरीके से राम मंदिर ट्रस्ट के खिलाफ आरोप लगाया है उसे लेकर पूरे देश में उनकी आलोचना हो रही है। ऐसे में अब राम मंदिर ट्रस्ट ने भी कानूनी तरीके से संजय सिंह को जवाब देने की ठानी है।


जाहिर है जिस तरह के मनगढ़ंत आरोप सांसद संजय सिंह ने राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट पर लगाए हैं वह अपने आप में निंदनीय है। संजय सिंह ने  राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय  पर आरोप लगाया था कि उन्होंने संस्था के सदस्य अनिल मिश्रा की मदद से 2 करोड रुपए कीमत की जमीन ₹180000000 में खरीदी है ।

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