नये नये नकली बोद्ध बने इन भीमटो की दोग्लापंती देखिये, ये इतने confuse है कि इन्हे खुद नहीं पता की ये किनकी तरफ है ??

1-एक तरफ ये भगवा को गाली देते है दुसरी तरफ बोद्ध भी भगवाधारी ही होते है

2-एक तरफ ये अपने आप को बोद्ध कहते है और दुसरी तरफ जाति प्रमाण पत्र बनवाते हैं

3- एक तरफ हिन्दुस्तान के सविंधान में भगवान राम,कृष्ण और हनुमान जी की फोटो है और दुसरी तरफ ये इन सब को काल्पनिक बताते है

4-एक तरफ ये ब्राह्मण को गाली देते है दुसरी तरफ ब्राहमणों के सरनेम अंबेडकर को अपना मानते हैं, एक ब्राह्मण ने ही अपना सरनेम देकर भीमराव शकपाल को भीमराव अंबेडकर बनाया था

5- एक तरफ ये मनुस्मृति को गाली देते है दुसरी तरफ बोद्ध धर्म के पंचशील नियमों का पालन करने को कहते हैं जो मनुस्मृति से ही लिये गये हैं

6-एक तरफ राजपूतों को ये गाली देते है दुसरी तरफ क्षत्रिय गौतम बुद्ध को अपना भगवान कहते हैं

7- एक तरफ भगवान राम को गाली देते है दुसरी तरफ थाईलैंड एक बोद्ध राष्ट्र है,उसका राष्ट्रिय ग्रंथ रामायण है और थाईलैंड के राजा को राम की उपाधि दी जाती है

8-एक तरफ ये भगवान विष्णु को गाली देते है दुसरी तरफ बौद्ध देश कम्बोडिया में ओंकारवाट भगवान विष्णु का दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर है

9-एक तरफ संत रविदास को ये पूजते हैं और दुसरी तरफ संत रविदास जिस भगवान राम और कृष्ण के अनन्य भक्त थे उस राम और कृष्ण को ये गाली देते है

10- एक तरफ तो अम्बेडकर की लिखी हुई किताब “भारत और पाकिस्तान का विभाजन” के अनुसार अम्बेडकर सभी मुसलमानो को पाकिस्तान भेजना चाहते थे, दुसरी तरफ ये जय भीम और जय मीम का गठबंधन बनाते हैं

अब आप ही बताये की ये लोग आखिर किसकी तरफ है !!

ऊपर दी गई फोटो में जितने लोग हैं उनको शायद आप सभी नहीं जानते होंगे लेकिन राष्ट्रवाद के मुद्दे पर मैं जातिगत आरक्षण की समीक्षा के मुद्दे पर कार्यरत तमाम कार्यकर्ता ना केवल इन को पहचानते हैं जबकि इनकी एक-एक हरकतों से वाकिफ है यह तमाम लोग पूरे भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग विभागों में काम करके ना केवल हिंदू धर्म समाज को खंडित करने का प्रयास कर रहे हैं जबकि बाबा साहब अंबेडकर के नाम का दुरुपयोग करते हुए राष्ट्र को खंडित करने का असफल प्रयास पिछले दशकों से करते आ रहे हैं जातिगत वह धार्मिक भावनाओं को आहत करते हुए जहर घोलने का कार्य यह लोग निरंतर करते आ रहे हैं इनका मकसद केवल और केवल देश में अशांति किस प्रकार से पहले और देश की आर्थिक व सिद्धांत इक व्यवस्था किस तरह से कमजोर हो इस तरह का प्रयास रहता है

पश्चिमी देशों में अरब देशों से इनको बेशुमार फंडिंग की जाती है और उस फंडिंग के सहारे यह बाबा साहब अंबेडकर के नाम से देश में अशांति फैलाने का प्रयास करते हैं आज तक किसी जांच एजेंसी ने इनके साथ होने वाले आर्थिक व्यवहार पर कभी कोई जांच नहीं मिठाई अगर जांच बैठती तो इनकी असलियत सामने आती कि किस प्रकार से जय भीम के नारों से भीड़ इकट्ठी करके आज यह देश में होने वाले आम चुनाव में हेलीकॉप्टर लेकर घूमते हैं और देश में अशांति फैलाने के साथ-साथ जातिगत आरक्षण और जहर घोलने का प्रयास करते हैं देश का दुर्भाग्य है कि अपने आप को किसी राजनीतिक पार्टी का प्रतिनिधि कहते हुए कुछ नेता लोग भी इनके साथ मिले हुए हैं और समय-समय पर इनके जरूरतों को पूरा करने में पूरा पूरा सहयोग करते हैं हमें ऐसे लोगों को भी पहचानने की जरूरत है

एससी एसटी एक्ट जब मार्च 2018 में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा उसमें समीक्षा करने की बात की गई तब इन्हीं लोगों ने 2 अप्रैल 2018 को तमाम आरक्षित ओं को यह कहकर भड़काया कि केंद्र सरकार आपके हक और अधिकार को धीरे-धीरे खत्म करने का प्रयास कर रही है और इसी के बदौलत 2 अप्रैल 2018 को हजारों लाखों करोड़ों रुपए का नुकसान देश के संसाधनों का इन्हीं लोगों द्वारा किया गया और इन्हीं लोगों ने ऐसे असामाजिक तत्वों का प्रतिनिधित्व किया लेकिन किसी सरकारी एजेंसी ने किसी भी प्रकार का मुकदमा इनके ऊपर नहीं चलाया भीमा कोरेगांव का मामला हो या शाहीन बाग का मामला हो हर ए सामाजिक गतिविधि में हर देशद्रोही गतिविधि में यह लोग शामिल रहते हैं

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