केरल के बाद पश्चिम बंगाल ही वो राज्य है जो न सिर्फ भाजपा , केंद्र सरकार बल्कि मोदी ,शाह तक के प्रति नफ़रत /द्वेष की आग में ऐसा जल रहा है कि अपने राज्य में “जय श्री राम ” के नारे पर , कभी दुर्गा पूजा पर , कभी दुर्गा माँ की मूर्ति विसर्जन जैसे तमाम विषयों और मुद्दों पर हमेशा ही हिन्दुओं और सनानत के विरूद्ध प्रतिकूल निर्णय देकर अपना मुगलिया प्रेम और उसके सहारे अपना वोट बैंक पक्का करने का काम करती रही है।

अपनी तृणमूल सरकार को बनाने और बनाए रखने के लिए ममता सरकार न सिर्फ इन मुगलों , बल्कि इनकी आड़ में बंगलादेशियों और रोहिंग्याओं को भी इनके साथ मिला कर ऐसी हिंसक जेहादियों को भीड़ इकट्ठा कर ली है जो अब ,कभी नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के बहाने पूरे प्रदेश को दंगों की आग में झोंक देता है तो कभी पूरे शहर को ख़ाक करने पर तुल जाता है।

कभी जामिया और एएमयू की तरह हिंसक ,कट्टरवादी सोच रखने वाली एक पूरी नस्ल तैयार कर देता है तो कभी अपने अपराधी कार्यकर्ताओं को हिन्दुओं , भाजपा , भाजपा के पदाधिकारियों तक का क़त्ल करने , उन्हें मारने जलाने की छूट दे देता है।

ममता का मुग़ल प्रेम इसी से साबित हो जाता है कि उनके शासन काल में हिन्दुओं पर लगातार होने वाले हमलों ,अत्याचार ,नृशंस हत्याएं , दंगे फसाद आदि किए जाने के बावजूद भी किसी को न तो इन सबके लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है और न ही इस बात पर कभी लेशमात्र भी चिंता या दुःख प्रकट किया जाता है।

खुद अपनी बदमिज़ाजी और बदजुबानी के लिए मशहूर ममता , प्रधानमंत्री तक को कोसने , उन्हें पत्थर के लड्डू भेज कर दाँत तोड़ देने , तो कभी काका छी छी जैसे ओछे प्रदर्शन करके मोदी और उनकी सरकार के प्रति अपनी नफरत को जग जाहिर करती रहती हैं। असल में चुनाव से पहले 22 दलों के कुनबे को जोड़ कर भानुमति बन कर देश के प्रधानमंत्री बनने के अपने ख़्वाब के चकनाचूर हो जाने की बौखलाहट और खीज है जो इस तरह सामने निकल कर आ रही है।

भाजपा की लगातार बढ़ती ताकत , बिहार से लेकर हैदराबाद की हालिया जीत और पश्चिम बंगाल में आने वाले चुनावों में अपनी सत्ता को खत्म होने के अंदाज़े ने तृणमूल के कार्यकर्ताओं का मानसिक संतुलन डिगा दिया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष , श्री जे पी नड्डा , और नेता श्री कैलाश विजय वर्गीय के काफिले पर किया गया हिंसक हमला अब इस सरकार के ताबूत में आखिरी कील साबित होने जा रहा है ,ये तय है।

गृह मंत्रालय ने आज की हिंसक घटनाओं पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे ममता सरकार का गुंडाराज बताते हुए अगले 48 घंटों में पूरी रिपोर्ट माँग ली है। ज्ञात हो कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल पहले ही राज्य में हिन्दुओं की लगातार की जा रही हत्याओं की बढ़ती घटनाओं और इसमें पुलिस प्रशासन का प्रत्यक्ष परोक्ष हाथ होने की आशंका जताते हुए प्रदेश में चल रहे जंगलराज की शिकायत राष्ट्रपति को भेज चुके हैं।

अब जो बचे खुचे दिन हैं सरकार को वो इसी तरह से खीज उतारते हुए , बौखला कर हिंसक उपद्रव ,दंगे फसाद , प्रदर्शन आदि करते हुए बीतने वाले हैं इनके , लेकिन ये भूल रहे हैं कि अब हिन्दू ,सनातन और हिन्दुस्तान ही इस देश की नियति और इसका भविष्य होने जा रहा है।

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