जैसा कि पहले से जग जाहिर था और लोगों को भी अब धीरे धीरे खूब समझ आ चुका है हिंदी सिनेमा में पूरे षड्यंत्र के साथ किस तरह कुछ लोगों द्वारा इस्लामिक एजेंडे को बढाया जा रहा है | हिंदी सिनेमा को नशा ,अय्याशी , भाई भतीजावाद , और तमाम तरह की गैंगबाजी का अड्डा यानि बॉलीवुड | और बिलकुल किसी बड़े अपराध माफिया की लीक पर चलता ये सिनेमा जगत भी एकदम सिनेमा माफिया बनता चला गया |
एक तरफ जहां हिन्दू कलाकारों से लेकर ,कथानकों, किरदारों से लेकर संवाद और चरित्र तक में किसी न किसी तरह से हिन्दुओं को कमतर करने की लगातार कोशिश वहीँ दूसरी तरफ मुस्लिम अभिनेताओं के पीछे अपराध माफिया के अंधाधुंध समर्थन से उन्हें डॉन, सुलतान , भाई जान जैसा चरित्र गढ़ने की कोशिश | ये वही कोशिश है जो एक बेहद घृणित और गुस्सैल घमंडी अभिनेता को कभी निरीह जानवर का शिकार करना तो कभी शराब पीकर अपनी गाड़ी के नीचे कई मासूमों की ह्त्या करने वाला व्यक्ति को , जबरन हिंदी सिनेमा का सबसे बड़ा नाम साबित करने की होती है |
इसी कोशिश के तहत ही , आमिर खान जैसा तुर्की पसंद (तुर्की इसलिए क्यूंकि आज विश्व में इस्लामिक कट्टरपंथ का नया मुल्ला झंडाबरदार बनकर उभरा है ) अभिनेता पूरी चालाकी और मक्कारी से देश भर के सामने टी वी शो कर सारी समस्याओं की बात करता है , विमर्श करता है मगर जानबूझ कर मुस्लिम समाज में व्याप्त मज़हबी कट्टरता और अन्य गंभीर कुरीतियों , अन्ध्विश्वाशों पर एक शब्द भी न बोलकर अपनी असलियत जगजाहिर कर देता है | एक ऐसे देश में जहां के बहुसंख्यकों के ईष्ट और आस्थाओं का अपमान करके करोड़ों अरबों रूपए कमाने के बावजूद यह कहता है कि एक अल्पसंख्यक मुस्लिम होने के कारण डर के मारे देश छोड़ने का विचार आता है ? सच में क्या ?
इसे संयोग माना जाए या ये एक हकीकत है कि जब भी देश ,समाज , सेना , सरकार को अपने कथ्य , वचन और अर्थ से संबलता प्रदान देने की बारी आती है तब , ये “करोड़पति अरबपति खान” एकदम विलुप्तप्राय प्राणी हो जाते हैं | देश समाज के सहायता के लिए कुछ करना देना तो दूर इनके मुंह से कभी भूल कर भी देश हित में , किसी की मदद के लिए कुछ नहीं निकलता | ऐसे समय और ऐसे मौकों पर हमेशा सबको अक्षय कुमार और नाना पाटेकर , और सोनू सूद जैसे अभिनेताओं का नाम और काम ही नज़र आता है | यहाँ एक बात और भी गौर करने वाली है कि ये करोडपति खान , स्मगलर डॉन को हीरो दिखाते हुए रईस जैसी फिल्मे बनाते हैं जबकि अक्षय कुमार राष्ट्र और राष्ट्रियता से जुड़ी फिल्मों करते दिखते हैं | यही सच है और यही फर्क भी |
अंत में ,यदि सिर्फ कुछ शब्दों में समझना है तो इसे ऐसे समझा जाए कि . चुलबुल पांडे जैसा दबंग पुलिसवाला बनकर समाज के लिए बेख़ौफ़ काम करने जैसा किरदार निभा कर चांदी कूटने वाले सालमान खान देश और समाज के मदद के लिए ऐसे कोरोना काल में और ऐसी महामारी से निपटने के लिए टेलीविजन पर “बिग बॉस” लेकर आ रहे हैं जबकि उनकी सिनेमा में खलनायक की तरह दिखाए जाने वाले छेदी सिंह , अभिनेता सोनू सूद आज जिस तरह से समाज में लोगों की सहायता के लिए अपने अकेले के दम पर जितनी जो मदद लगातार करते चले आ रहे हैं उससे यही साबित होता है कि ,असली दबंग सोनू सूद और असली छेदी सिंह सलमान खान ही है |
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