मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने मुनव्वर फारूकी के दूसरे धर्म मान्यताओं प्रतीकों का उपहास उड़ा कर पैसे कमाने की कुत्सित मानसिकता पर शोक व्यक्त करते हुए मुनव्वर की जमानत याचिका खारिज कर दी। ठीक एक दिन पहले ही माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा तांडव टीम की सनातन धर्म के विरुद्ध की गई अपमानजनक दृश्य पर नाराजगी जाहिर करते हुए पूरी टीम को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया।
अदालत ने अपने रुख और वक्तव्य से यह जता दिया है कि किसी भी सभ्य समाज में किसी को भी कला के प्रदर्शन ,अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता आदि के आड़ में जानबूझकर किसी धर्म पंथ व्यक्ति सेना राष्ट्रीय प्रतीकों के उपहार और अपमानित करने की इजाजत नहीं दी जा सकती। यह कृत्य जहां पैसे कमाने के लिए अपनाया गया एक घटिया प्रयास है वही जानबूझकर किसी विशेष वर्ग की भावनाओं को आहत करके उन्हें अशांति फैलाने के लिए उकसाने जैसा है
रोजाना खबरों में लोगों को जब यह जानने सुनने को मिलता है कि आज फिर हम ओक सिनेमा अमुक धारावाहिक पेंटिंग्स विज्ञापन आदि ने सनातन हिंदू भारत माता तिरंगा आदि को निशाना बनाकर फूहड़ हास्य के बहाने , चित्र , डायलॉग के बहाने से अपमानित किया गया है तो यकीन मानिये कि बहुसंख्यक राष्ट्रप्रेमी समाज क्षोभ और क्रोध से भर उठता है।
सिर्फ एक सनातनियों को छोड़कर हर कोई ईसा और मूसा बना हुआ जबरन दूसरों को भी अपने जैसा ही बनाने के लिए तरह तरह के प्रपंच करता हुआ फिर ऐसे ही षड्यंत्रों में लगा हुआ है। अफ़सोस और दुःख की बात यह है कि खुद के इष्टों/ईशों के विरूद्ध एक शब्द, चित्र , कार्टून आदि भी इन्हें इतना नागवार गुजरता है कि वे मरने मारने पर और पूरी दुनिया जलाने पर उतारू हो जाते हैं।
दूसरे धर्मों को नीचा दिखाकर ,उनका उपहास उड़ा कर , जानबूझ कर उन्हें अपमानित करके , ऐसा करने वाले सिर्फ और सिर्फ अपनी कुंठा , संकीर्ण मानसिकता और कट्टर सोच का ही प्रदर्शन करे हैं। दूसरों को अपमानित करना चोट पहुंचाना , विध्वसं करना , कभी किसी धर्म/पंथ या मज़हब का उद्देश्य हो ही नहीं सकता।
हिन्दू धर्म की सहिष्णुता, धैर्य , क्षमाशीलता से बहुत अच्छी तरह परिचित होने के कारण ही धर्मद्रोही , एक दो नहीं बल्कि बार बार ये दुःसाहस करने का अपराध करते हैं। उन्हें भलीभांति ये पता है की हिन्दू कभी मुगलों की तरह एक फेसबुक पोस्ट के विरोध में शहर नहीं जलाएंगे न ही कत्लेआम करें पर आमादा हो जाएंगे।
इसलिए कभी विज्ञापन ,कभी पेंटिग्स कभी स्टैंड आप , धारावाहिक आदि के बहाने हिन्दुओं के प्रति अपनी हीं भावना , देवश और मन में भरा हुआ विष उगलते रहते हैं जिस पर सरकार और शासन को पूरी तरह से प्रतिबन्ध लगाने की आवश्यकता है।
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