माता सीता की खोज में निकला वानर दल जब भारत के दक्षिणतम तट पर पहुँच गया तो समुद्र पार लंका तक पहुँचना एक समस्या बन कर सामने खड़ी हो गई उस समय रीछ राज जाम्बवंत जी ने पवन सुत हनुमान को ये याद दिलाया कि वे असल में बजरंग बली हैं तारणहार हैं और असली शक्ति ,असली ताकत तो उनके भीतर ही है ,जिसे वे भुलाए बैठे हैं |

बस फिर क्या था , प्रभु हनुमान जी ने अपनी उस ताकत को न सिर्फ पहचाना बल्कि उसके बल पर अगले कुछ ही दिनों में पूरी लंका अकेले ही ख़ाक कर दी।

ठीक यही कुछ दोहराया गया जब , भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र भाई मोदी जी ने , शत्रु देश चीन के विरूद्ध निर्णायक युद्ध में , हिन्दुस्तान को उसकी असली ताकत , का स्मरण दिलाते हुए “वोकल फॉर लोकल ” का जयघोष करते हुए आह्वान किया कि सुई से लेकर समुद्री जहाज तक , स्वयं ही निर्माण करे और अपनों द्वारा निर्मित वस्तुओं की ही खरीद बिक्री करे। भारतीय बाज़ार दुनिया का सबसे अधिक व्यापक और क्रय विक्रय शक्ति वाला केंद्र रहा है हमेशा से।

शुरूआती दिनों में , चीन के दो सौ से अधिक मोबाइल एप्लिकेशन को प्रतिबंधित करके चीन का मुँह तोड़ कर सुजा देने की पहली चोट से शुरू हुई ये सर्जिकल स्ट्राइक , उत्सव से भरे भारत के त्यौहारों के दिनों और उनमें भारतीयों द्वारा की गई खरीददारी में चीनी सामानों के बहिष्कार से उसे 40,000 करोड़ (चालीस हज़ार करोड़ ) की ऐसी चोट पहुँचाई कि कोरोना के कारण पहले से डाँवाडोल चीनी अर्थव्यवस्था घुटनों पर आ गई है।

चीन से बहुत ही बहुराष्ट्रीय कंपनियों का पलायन तथा उन सबका भारतीय शहरों में स्थापन की प्रवाह से पहले से ही बौखलाया और हताश चीन ,रो रो कर भारत से शान्ति और मित्रता की अपील करने पर मजबूर हो गया था। दीपावली पर देश में , हिन्दुस्तान की मिटटी से निर्मित /प्रज्वलित करोड़ों दीपों की रौशनी और ताप ने चीन की घटिया बिजली की लड़ियों , पटाखों आदि के बहुत बड़े बाज़ार को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया।

सुना है अब चीनी व्यापारी दबे छिपे स्वर में “भारत माता की जय , भारत माता की जय ” के नारे लगाते , वुहान की गलियों में शीजिनपिंग की सातों पुश्तों का उद्धार कर रहे हैं। जय हिन्द ,जय भारत।

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