उदयपुर में नूपुर शर्मा के समर्थन में महज पोस्ट लिखने के चलते जिस तरह से गरीब कन्हैया लाल की बर्बर हत्या कर दी गई है उसे लेकर पूरे देश में गुस्से की लहर है।

जिस वजह को छुपाने और दबाने के लिए यह कट्टर मानसिकता के लोग हिंदुओं की हत्या कर रहे हैं अब उस वजह पर हिंदू बढ़ चढ़कर बोलता हुआ दिखाई दे रहा है सोशल मीडिया साइट पर कई तरह के लोग अब यह मुहिम चला रहे हैं कि वह लोग खुलकर नूपुर शर्मा का समर्थन करते हैं और यदि कट्टरपंथियों में दम है तो वे आए और उनका भी कत्ल कर दें।

दर्द और 30 मन में यह उठती है कि आखिर कब तक महज भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का इस्तेमाल करने के चलते हिंदू मरता रहेगा आखिर हिंदुओं की गलती क्या है उन्होंने सिर्फ हदीस में लिखी हुई उन बातों का जिक्र किया है जो बातें इस्लाम में चर्चा की जा सकती है या जो घटनाएं इस्लाम में घटित हुई हैं और क्या महज किसी भी मुद्दे पर जिक्र करने से किसी भी मनुष्य का कत्ल किया जा सकता है? सोशल मीडिया साइट पर जिस तरह से नूपुर शर्मा के समर्थन में लोग बढ़-चढ़कर लिखते हुए दिखाई दे रहे हैं उससे स्पष्ट होता है कि वह दर्द अब खुद दवा बन कर बहने लगा है।

 

 

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