उदयपुर में जिस तरह से कन्हैया लाल जी की सर कलम कर हत्या कर दी गई इस हादसे ने पूरे देश को ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को भी हैरत में डाल दिया है। बड़ा सवाल अब यह उठता है कि इतनी जघन्य हत्या के बाद समाज देश दुनिया व राष्ट्र इससे सबक लेगा या नहीं? क्योंकि यदि समाज ने इस जघन्य हत्याकांड से सबक नहीं लिया तो ऐसे हादसे देश में बार-बार होते रहेंगे और मरने वालों के नाम बदलते रहेंगे।

अब यहां पर जानना जरूरी है कि आखिर फ्रांस देश में जब एक टीचर की सर कलम कर हत्या कर दी गई थी तो फिर उसके बाद फ्रांस ने किस तरीके से इस्लामी आतंक को अपने देश से खत्म किया। दरअसल 16 अक्टूबर 2020 को फ्रांस में एक टीचर की सर कलम कर हत्या कर दी गई थी और उसके बाद फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति माइक्रोन ने उस स्कूल का दौरा किया था और इस हमले को इस्लामिक आतंकवाद करार दिया था।
माइक्रोन ने फ्रांस के गृहमंत्री को फौरन मोरक्को दौरा रद्द कर देश वापस बुलाया था व फ्रांस की संसद में उस टीचर को श्रद्धांजलि दी गई थी। फ्रांस की सरकार ने कड़ा कदम उठाते हुए तत्काल 70 लोगों की गिरफ्तारी की थी।
फ्रांस के राष्ट्रपति ने सार्वजनिक तौर पर टेलीविजन पर आकर राष्ट्र को संबोधित किया था और इस आतंकी के खिलाफ कड़े कदम उठाने का आश्वासन दिया था। हमले के 2 दिनों के अंदर फ्रांस की सरकार ने 270 से ज्यादा मुस्लिम कट्टरपंथियों को  देश से निकाल बाहर फेंका था।

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