आज की मीडिया सिर्फ TRP और मिर्च मसाला वाली खबरों के पीछ भाग रही है, करें भी तो क्या नंबर एक पर आने की होड़ जो मची हुई है, भले ही इस वजह से कुछ अच्छी खबरें TRP के चक्कर में स्वाहा ही क्यों न हो जाए.

दरअसल इन दिनों यूपी पुलिस के एक एसएचओ स्कूली बच्चों के लिए हीरो बन गए हैं. आम लोगों की नजर में पुलिस की छवि कैसी बनी हुई है इसके विस्तार में जाने की जरुरत नहीं है. लेकिन कई बार ऐसी तस्वीरे आंखों के सामने आ जाती है जिसे देखकर कहा जा सकता है कि सब एक जैसे नहीं होते. यूपी के महराजगंज के बरगदवा थाने के एसएचओ सुनील रॉय भी कुछ हट के हैं.

हम पुलिस महकमे को कितना ही भ्रष्ट क्यों न कहें लेकिन कई ऐसे लोग भी विभाग में हैं जो समाज के लिए बड़े प्रेरणास्रोत बन सकते हैं. महराजगंज में बतौर एसएचओ तैनात सुनील रॉय ने अपनी टीम के साथ मिलकर स्थानीय प्राथमिक विद्यालय को बेहतर बनाने की जिम्मेदारी ली है. साथ ही स्थानीय सरकारी स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए पुलिसकर्मी भी रोज सुबह अपनी दिनचर्या से एक घंटा निकाल रहे हैं. पुलिस वालों का ये प्रयास वहां रहने वालों को खूब पसंद आ रहा है. जाहिर है अब आपके मन में सवाल उठेगा कि आखिर पुलिस वालों को ये आईडिया आया कहां से? वजह हैं सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ जी जिनकी सरकार ने खुद प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करने के लिए अधिकारियों को प्रोत्साहित करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे. उन्हीं से प्रेरित होकर बरगदवा थाना पुलिस ने स्थानीय प्राथमिक विद्यालय को गोद लेकर एक कदम और आगे बढ़ाया.

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अच्छा तो तब होता कि जिस तरह से अपराधियों को पकड़ने के बाद पुलिस वालों की तस्वीरें ट्वीट होती हैं ठीक उसी तरह महाराजगंज के एसएचओ सुनील रॉय और उनकी टीम की भी फोटो को ट्वीट किया जाता. वैसे हमें इसका इंतजार रहेगा.

इसमें कोई शक नहीं है कि 2017 में जब से सीएम योगी जी ने सत्ता संभाला है तो तब से यूपी में अपराध काफी नियंत्रित हुआ है साथ ही पुलिस की छवि भी सुधरी है. इसके पहले जिधर भी सुनो बस यही सुनने को मिलता था ,पुलिस की इमेज अच्छी नहीं होती. यूपी पुलिस की तो बिलकुल नहीं. उगाही में तो उस्ताद है यूपी पुलिस. जिधर से पैसा मिल जाता है, उसी का पक्ष लेने लगती . FIR न लिखना, निर्दोषों को धमकाना यही रुटीन काम रहता था यूपी पुलिस का. आम आदमी खासकर गरीब वर्ग तो वर्दी वालों को देखते ही घबराने लगता है. ऐसे में पुलिस के बारे में कोई पॉजिटिव भला कोई सोच भी कैसे सकता था .

अगर हर राज्य, हर जिले में ऐसे लोग शिक्षा की अलग जगाने लगे तो कोई भी बच्चा अशिक्षित नहीं रहेगा. SHO सुनील रॉय की ये कोशिश वाकई सराहनीय हैं लेकिन यही दुर्भाग्य है कि अभी तक किसी ने इनकी सुध नहीं ली . क्योंकि इनके बारे में ट्वीट करने से ना तो किसी का प्रोपगेंडा सेट होगा ना ही TRP ही मिलेगी !

 

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