देश को आजाद हुए 70 साल से ज्यादा हो गए। लेकिन इस्लाम में ‘हलाला’ पर अब तक हो-हल्ला हो रहा है। दशकों से ये कुरीति मुस्लिम औरतों का शोषण कर रही है। लेकिन अब हालात बदल गए हैं मुस्लिम महिलाएं गलत को गलत कहने लगी हैं चाहे वो तीन तलाक का मामला हो या फिर हलाला जैसी कुप्रथा..

उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में तीन तलाक पीड़ित दो महिलाओं पर पंचों द्वारा हलाला का दबाव बनाने का मामला सामने आया है। लेकिन पीड़ित महिलाओं ने भी चेतावनी देते हुए साफ कह दिया है कि वे जान दे देंगी, लेकिन हलाला नहीं करेंगी।मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं का आरोप है कि समझौते के लिए बुलाए गए पंच हलाला के लिए दबाव बना रहे हैं. तीन तलाक पीड़िताओं का कहना है कि उन्हें दोबारा से साथ रखने के लिए ससुराल वाले हलाला करने के लिए दबाव बना रहे हैं

तीन तलाक एक पीड़िता ने बताया कि उसकी शादी 2 नवंबर-2021 को शामली के कांधला थाना क्षेत्र के रहने वाले एक युवक के साथ हुई थी और ससुराल वालों ने दहेज में बुलेट बाइक और दो लाख रुपये की मांग की थी. महिला ने बताया कि उसके तीन देवरों ने भी उसके साथ रेप की कोशिश की और पति ने उसके साथ मारपीट की. महिला का आरोप है कि उसके पति ने इसी साल 15 जनवरी को तीन तलाक दे दिया और इसके बाद 26 जनवरी को पंचायत में भी पति ने उसे तीन बार तलाक कह दिया. महिला ने बड़ौत पुलिस से शिकायत की, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. पिछले महीने अप्रैल में ससुराल वालों ने घर पर ही पंचायत की और पंचों ने उन पर हलाला करने का दबाव बनाया.

वहीं तीन तलाक की दूसरी पीड़िता का कहना है कि उसकी शादी करीब दस साल पहले मेरठ के एक युवक से हुई थी और उसके दो बच्चे हैं. अब पति किसी दूसरी लड़की से निकाह करना चाहता है और इसलिए उनसे उसे तीन तलाक दे दिया. लेकिन पति समझौते के लिए उस पर हलाला का दबाव बना रहा है. इस मामले में बीजेपी के जिला अध्यक्ष सूरजपाल सिंह का कहना है कि एसपी से शिकायत करने के बाद पीड़ितों को न्याय दिलाया जाएगा. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जिले के एसपी नीरज कुमार जादौन ने बताया कि पीड़ित महिलाओं की शिकायत मिलने पर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इधर तीन तलाक पीड़िताओं का आरोप है कि पंचायत मैं मौजूद पंचों ने भी उसके ससुरालियों का पक्ष लिया। उनका कहना है कि जब वह किसी और मर्द के साथ हलाला करेगी, तो फिर निकाह भी उसी के साथ कर लेंगी।

साभार- हिंदुस्तान

हलाला को ‘निकाह हलाला’ के नाम से भी जाना जाता है । यह रस्म उन तलाकशुदा औरतों के लिए होती है, जो हालात की वजह से दोबारा अपने पहले शौहर से निकाह करना चाहती हैं। इसके लिए उन्हें हलाला का पालन करना पड़ता है। शरिया के मुताबिक अगर किसी शख्स ने बीवी को तलाक दे दिया, तो उससे तब तक दोबारा निकाह नहीं कर सकता है जब तक वह किसी दूसरे से निकाह कर तलाक न ले ले।

 

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.