भारत के इतिहास में एक बार फिर से औरंगजेब राज्य कि वापसी हो गई है।पहले पिंडदान रोका गया फिर दिवाली के पटाखों पर बैन लगा। भारत में पहली दफा ऐसे कानून मुगल बादशाह औरंगजेब ने लागू किए थे अब इस भूमिका में नीतीश जी हैं।अपने नए आदेश में उन्होंने हिन्दू मंदिरों पर भी 04 प्रतिशत कर लगा दिया है। कहा जा रहा है यह टेक्स राजस्व में बढ़ोतरी के लिए लगाया गया हैै ऐसे सवाल पूछा जाना चाहिए कि बिहार में मंदिर के अलावा गुरुद्वारा चर्च और मस्जिद भी तो हैं।


नीतीश कुमार से जब बख्तियार खां और औरंगजेब जैसे मुस्लिम आक्रान्त के नाम पर रखे गए शहरों का जब नाम बदलने को कहा जाता है तो उन्हें गुस्सा आ जाता है लेकिन जब भरे सदन में मुस्लिम विधायक वंदेमातरम गाने से मना करता है तो वो मूक दर्शक बन जाते है।
इनके राज में ना सिर्फ बंद शराब छूटे से बिकती है वरन लोग इसे पीकर मरते भी है मगर इनके लिए ये सब सामान्य घटना है।


कानून का राज्य में ये हाल है कि कानून का गुंडा चैंबर में घुस कर जज महोदय को ही पीट डालता है। और तो और बेचारा इनके कैबिनेट का मंत्री भी अपने को इन वर्दीधारी गुंडे के सामने अपाहिज पाता है।
सवाल यह नहीं है कि नीतीश कुमार क्या कर रहे हैं सवाल यह है कि भाजपा को क्यों सांप सूंघा हुआ है ?

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