कश्मीर में एक बार फिर हिंदुओं की टारगेट किलिंग का घटनाएं दिन-बि-दिन बढ़ती जा रही है. वहां रहने वाले लोगों का नाम पूछकर उनकी हत्या की जा रही है . राहुल भट्ट, रजनी बाला और अब एक बैंक मैनेजर विजय कुमार की गोली मारकर हत्या की खबर. विजय कुमार राजस्थान के रहने वाले बताये जा रहे हैं.
#UPDATE | Bank manager shot by terrorists in Kulgam succumbs to his injuries: Police
— ANI (@ANI) June 2, 2022
#terrorists fired upon a bank employee (manager) at Ellaqie Dehati Bank at Areh Mohanpora in #Kulgam district. He received grievous gunshot injuries in this terror incident. He is a resident of Hanumangarh Rajasthan. Area cordoned off. Further details shall follow.@JmuKmrPolice
— Kashmir Zone Police (@KashmirPolice) June 2, 2022
कश्मीर में हो रही हिंदुओं की हत्याओं के बीच हमारा सवाल यही है कि क्या फिर कश्मीर हिंसा की ओर बढ़ रहा है, क्या कश्मीर में रहने वाले हिंदुओं के साथ उसी जेनोसाइड का तरीका अपनाया जा रहा है जो 90 के दशक में कश्मीर में इस्लामिक आतंकियों ने अपनाया था ?
आतंकी दरिंदे एक-एक कर हिंदुओं को मार रहे हैं लेकिन कुछ लोगों की नजर में आज भी ये झूठ है और ये कल भी एक झूठ था. इसका उदाहरण हमने हाल ही में देखा है जब कश्मीर में हिंदुओं के नरसंहार पर बनी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ सामने आयी थी. लेकिन कश्मीर में हिंदुओं की हो रही हत्याओं के बीच सवाल उन बुद्धिजीवी खेमे से भी है जो समय-समय पर आतंकियों का अपने कुतर्कों से बचाव करते हैं .वो लिबरलस कहां हैं जो हमेशा ये राग आलापते हैं कि मोदी सरकार कश्मीरी हिंदुओं के लिए कुछ नहीं कर पा रही है.
ये लोग सामने भी कैसे आएंगे इनकी बातों से कहीं मुस्लिम कट्टरपंथी नाराज़ हो जाएंगे तो इनकी तो दुकान ही बंद हो जाएगी. इनकी नजर में तो देश में डर का माहौल है तो और डरा सहमा इंसान किस तरह से सोशल मीडिया का सहारा लेकर देश में जहर घोलने का काम कर रहा है ये किसी से छिपी नहीं है.
देखा जाए तो 90 के दशक में जिस तरह से कश्मीर में हिंदुओं के साथ जुल्म हुए उसे लेकर विपक्षी दलों से लेकर वामपंथियों तक सबने उसे झूठा बताने की पूरी कोशिश की. उस समय हुए पलायन को इन लोगों ने सिरे से नकार दिया था. कश्मीर फाइल्स को मुसलमानों के खिलाफ प्रोपोगेंडा तक बता दिया गया . तो भला अब इनसे और क्या उम्मीद की जा सकती है कि कश्मीर में मारे जा रहे हिंदुओं को लेकर ये लोग अपना मुंह खोले.
ये तो बात रही हिंदुओं की हत्याओं की लेकिन हाल ही में कश्मीर की एक कलाकार अमरीना भट्ट की भी उनके घर में घुसकर आतंकियों ने हत्या कर दी थी. लेकिन वो तो मुसलमान थी तो भला आतंकवादियों से उनकी हत्या क्यों कर दी. इसका एकमात्र जवाब है कि आतंक का कोई मजहब नहीं होता और ये बात उन लोगों को समझना होगा जो आतंकवादियों के हिमायती हैं उन्हें भटके हुए लड़के बताते हैं. हम तो कही कहेंगे कि समय रहते ये समझ लीजिए कहीं ऐसा ना हो कि किसी दिन ये आतंकवादी आपके घरों में भी दस्तक दे दें .!
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