चरमपंथी इस्लामिक संगठन PFI यानि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर देर-सवेर आखिरकार ED का चाबुक चल ही गया. अब इस संगठन पर पूरी तरह से नकेल कसने का काम शुरू हो चुका है और कहा जा सकता है जल्द ही इस संगठन को भारत में पूरी तरह से बैन कर दिया जाएगा. इसी कड़ी में बुधवार को ईडी ने पीएफआई पर मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत बैंक अकाउंट फ्रीज किए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिन अकाउंट्स को अटैच किया गया है उनमें PFI के 23 और इसके फ्रंट ऑर्गनाइजेशन RIF (रिहैब इंडिया फाउंडेशन) के 10 बैंक अकाउंट शामिल हैं। इन खातों में 68,62,081 रुपए हैं।

चरमपंथी इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया पिछले कुछ दिनों से लागातर ख़बरों में बना हुआ है. राजस्थान से लेकर केरल तक इस चरमपंथी संगठन का नाम हिंसक गतिविधियों में सामने आया है. कुल मिलाकर कहा जाए तो PFI भारत विरोधी एजेंडे के लिए ही काम करता आया है। अब जरुरत है कि केंद्र सरकार इस संगठन पर सख्त कार्रवाई करे और इसपर पूरी तरह से बैन लगाए .

इस संगठन की भागीदारी पिछले कई सालों से देश विरोधी और आतंकी गतिविधियों में पायी गई है. फिर चाहे वो हिजाब विवाद हो, CAA-NRC का प्रदर्शन हो या फिर 2020 के दिल्ली दंगे हो इन सभी में PFI का हाथ बताया गया था. 2020 में शाहीन बाग़ के धरने में पीएफआई ने वहां प्रदर्शन कर रहे लोगों पर खूब पैसा खर्च किया था. ईडी ने जो बैंक खाते कुर्क किये हैं उन्हीं का इस्तेमाल इन सब देश विरोधी लोगों को बढ़ावा देने के लिए किया गया था ।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक धरने के दौरान करोड़ों रुपयों का लेन-देन इन्हीं बैंक खातों से हुआ था। यहां तक कि जहांगीरपुरी के भी तार इसी पीएफआई से जुड़े थे जिसने पूरी साजिश रचने का काम किया था। बता दें आपको उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की यूपी सरकार ने भी पीएफआई पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया हुआ है.

देखा जाए तो अब पीएफआई का भारत से बोरिया-बिस्तर समेटने का समय नजदीक आ गया है.

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