किसान आंदोलन को ५० दिन होने जा रहे है लेकिन कोई समाधान निकल नहीं रहा है या फिर मैं यूँ कहुँ की समाधान करने की कोई इच्छा ही नहीं है !
भारत में विपक्षी दल अब लोगों से सरकार के बजाय “अदानी” और “अंबानी” का विरोध करने का आग्रह कर रहे हैं। क्योंकि ये दोनों कंपनी भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं, जो विदेशी कंपनियों को नुकसान पहुंचा रहा है। हमारी स्वदेशी कंपनियों ने जो भी कारोबार किया है, उसमें अन्य कंपनियों के एकाधिकार को खत्म कर दिया है और भारतीय उपभोक्ताओं को जबरदस्त लाभ पहुंचाया है, फिर भी अच्छा लाभ कमा रहे हैं।
तो सोचिये पहले ये विदेशी कंपनियाँ हमें कितना लूंटती होगी ??? इन दो विशेषज्ञों के स्वदेशी विचार ने इनका कितना कमीशन उनसे छीन लिया होगा और नुकसान हुआ होगा।
जब हमारा पास Jio नहीं था तो हमारा बिल कितना आता था? कितनी डकैतियां चल रही थीं? अब हर कंपनी मजबूर बन बैठी है । इसके अलावा ब्रिटेन का वोडाफोन भी पूरी तरह से बर्बाद हो गया है।
अब जब “अदानी एग्रो” ने कदम रखा है, तो विरोध हो रहा है की, अडानी एक गोदाम क्यों बना रहा है ? जब विदेशी कंपनियाँ पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र में पेप्सिको, वॉलमार्ट, एचयूएल, आईटीसी के बड़े गोदामों का निर्माण कर रही थीं, तो फिर “अदानी” का विरोध क्यों ? रिलायंस रिटेल “रिलायंस डिजिटल” अब पूरे देश में फैल रहा है।
इसका मतलब की इनको स्वदेशी से ही नफरत है वर्ना कृषि कानून का विरोध कोई पतंजलि के स्टोर के बहार थोड़ी करता है ?
स्वदेशी “पतंजलि” के आने से कोलगेट एचयूएल(लक्स, पॉन्ड्स) जैसे लुटेरों को परेशानी हुई है। चीन अब दुनिया को 5G तकनीक बेचता है। जब भारत की भी बात आती है, तो “Jio” ने अपनी स्वदेशी “5G” तकनीक विकसित करके चीन के खिलाफ एक और समस्या पैदा कर दी है। “अदानी पोर्ट” और “अदानी एंटरप्राइज” के कारण कई एकाधिकार समाप्त हो गए हैं। अब जब हमारे देश के व्यापारी कुछ कर रहे हैं, देश को लाभ दे रहे हैं, तो हमारे ही देश के कुछ लोगों का विरोध क्या है ? अगर विदेशी कंपनियाँ विज्ञापन के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर सकती हैं, तो वे नेताओं को अफवाहें फैलाने और उन्हें बदनाम करने के लिए करोड़ों रुपये खर्च नहीं कर सकतीं ?
सबसे पहले, “राफेल” सौदे को रोकने के लिए विदेशी कंपनियों ने “राहुल गाँधी” को तैयार किया। विदेशी अखबारों को पैसे दिया, जिसने अफवाहें फैलाईं, झूठी खबरें प्रकाशित कीं और कुछ स्थानीय अखबारों को भी करोड़ों दिए। अंत में, राहुल गांधी ने झूठ फैलाने के लिए अदालत में माफी मांगी। भले ही अखबारों ने इसे न छापा हो।
फिर अदानी-अंबानी का विरोध शाहीनबाग में शुरू हो गया, सोचो कि सीएए में इसे क्या लेना है ? वर्तमान में पंजाब के किसान नेता इसका विरोध करते हैं, अडानी ने गोदाम क्यों बनवाया ? अब जमीन हड़प ली जाएगी आदि-आदि।
पंजाब में घरेलू और विदेशी कंपनियों के बड़े बड़े गोदाम है। वास्तव में,अदानी-अंबानी के आगमन और उनके बड़े गोदामों के निर्माण के साथ, जो लाखों टन अनाज, सब्जियां, फल ख़राब हो जाते थे उनको अब सही तरीके से संग्रहीत किए जाएंगे। समस्या यह है कि अब महँगाई नियंत्रण में रहेगी और बिचौलियों के मलाई की कटौती हो जाएगी ।
महंगाई सालों से बढ़ रही है तो फिर ये अफवाह क्यों ? संक्षिप्त में, कुछ विदेशी एजेंट “अदानी” और “अंबानी” के स्वदेशी और देशसेवा के कदम से परेशानी में हैं।
राष्ट्रविरोधी कांग्रेस और वामपंथियों के विश्वासघात को अब भारत जान चूका है ।
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