राजधानी दिल्ली में , एक तरूण युवक रिंकू शर्मा द्वारा जय श्री राम का जयकारा लगाए जाने से नाराज़ कुछ मुस्लिमों द्वारा रिंकू की उसके घर में घुस कर नृशंस हत्या कर दी गई ।आदमखोर लकड़बग्घों की तरह झुंड बनाकर अचानक ही घर पर धावा बोलकर पहले पूरे परिवार को जला कर मारने की कोशिश और उसमें नाकामयाब रहने पर अकेल युवक को घेर कर उसका कत्ल कर दिया गया ।
कत्ल हो जाने वाला न दलित था और न ही अल्पसंख्यक ऊपर से निर्भीक होकर “जय श्री राम ” की जयकार करता था . यही वजह है कि वामी , काँगी ,जय भीम जय मीम , असहिष्णुता का हल्ला मचाने वाले , चाटुकारिता से प्राप्त पुरस्कार को बात बात पर वापस करने वाले , गोलबंद होकर सरकार और प्रधानमंत्री तक पर आरोप लगाने के लिए सार्वजनिक पत्र लिखने वाले तरह तरह के प्लेकार्ड , बैनर , पोस्टर लहराने वाले सब के सब , इनकी पूरी जमात कोमा में चली गई है ।
इनमें से न तो कोई अपना चेहरा दिखाने को तैयार है और न ही संवेदना या प्रतिक्रिया में एक शब्द भी कहने के लिए . ये स्थिति ठीक इसके उलट होती और ये तमाम लोग गिद्धों की तरह टूट पड़े होते यही रिंकू -की जगह कोई रिजवान या पासवान होता ।
शहर, मुहल्ले जलाने के लिए सड़क चौराहों पर “यलगार हो ” की तैयारी हो चुकी होती । मीडिया का एक विशेष गुट जो अपनी दुकान इन्हीं प्रोपेगेंडा न्यूज के सहारे चला रहे हैं अपनी स्क्रीन काली करके रुदाली गान कर रहे होते . दुनिया भर के दानवाधिकार संगठन भी इनके साथ खड़े हो गए होते ।
इन सबके चीत्कार , चीख पुकार , झूठ , भ्रम से भारत को दुनिया में सबसे असुरक्षित देश और मुगलों/मुस्लिमों को भारत में सबसे प्रताड़ित डरा हुआ साबित करके मोदी शाह को तानाशाह और फासीवादी घोषित किया जा चुका होता . लेकिन रिंकू हिन्दू था , उच्च जाति के घर का युवक था और जय श्री राम बोलता था और यही उसका सबसे बड़ा अपराध था ।
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