दिल्ली के बेगमपुर में जिस तरह से  लड़की नीतू की  हत्या अपराधी लईक खान ने की है उसके बाद से ही  कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं । अब मां-बाप पछता रहे है कि न जाने वो कौन सी अशुभ बेला थी जब उन्होंने लईक खान को बेटा माना था, घर का सदस्य माना था और बेटा कहकर बुलाया था। गौरतलब है कि नीतू के घर वाले लईक खान को अपना बेटा ही माना करते थे क्योंकि वह उनकी छोटे-मोटे मुद्दों पर मदद कर दिया करता था और उनके घर में घुसने के लिए उनसे मीठी भाषा में बात करता था।

दरअसल, यही तो चाहता था लईक खान. यही तो प्लान था उसका कि इस घर में उसकी एंट्री हो जाए. उसे बेरोक टोक घर में आने जाने की आजादी मिल जाए. जिससे वो अपनी साजिश को अंजाम दे सके. मुंहबोले बेटे के दिल में तो पाप भरा था।

कायदे से जब नीतू के मां-बाप ने लईक खान को अपना बेटा माना था तो उसे नीतू को अपनी बहन मानना चाहिए था मगर बहन को भी बेगम बना लेने वाली सोच ने लईक खान के खतरनाक मंसूबों को अंजाम दिया और नीतू पर उसने शादी के लिए दबाव बनाया। लईक खान ने नीतू के मां-बाप को नीतू से निकाह करने के लिए कहा मगर उन्होंने साफ तौर पर यह मना कर दिया इसके बाद लईक अकेले में नीतू को मनाने की कोशिश करने लगा और एक दिन जब नीतू के मां बाप घर पर नहीं थे तो वह उनके घर आया और नीतू के फिर दोबारा मना करने पर उसने हथौड़े से पीट कर उसकी हत्या कर दी।

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