हिंदुस्तान के कब्रिस्तान भर सकते है करोड़ों लोगो के पेट, जाने पूरी हकीकत !!
हिंदुस्तान में आपको धर्म के नाम पर ज्ञान बांटने वाले मिल जाएंगे जिनकी अपनी अपनी सोच धर्म को लेकर रहती है और उसी सोच में आजकल जगह जगह पर ज्ञान के भंडार कहा ए जाने वाले लोग धर्म के नाम पर ज्ञान बांटने की दुकानें खोलकर बैठे हैं ऐसे तथाकथित राष्ट्रवादी जिनको धार्मिक भावनाओं को हाथ करने के सिवा कभी कोई रास्ता नजर नहीं आता है और उन्हीं धार्मिक भावनाओं में सबसे ज्यादा अगर किसी रीति रिवाज के ऊपर टीका टिप्पणी होती है तो वह है हिंदू धर्म हिंदू धर्म हमेशा से ही भावनात्मक बौद्धिक भौतिक व्यक्तिगत रूप से हित और अधिकारों को ध्यान में रखते हुए रहा है परंतु बावजूद उसके कुछ तथाकथित धर्म गुरु हिंदू समाज में जब जब त्यौहार आते हैं तब तब अपना ढोंग शुरू करते हुए खुद को धर्मगुरु की बजाय ढोंगी के रूप में प्रस्तुत करते हैं और ना जाने हिंदू धर्म की अलग-अलग त्योहारों पर अलग-अलग प्रकार की टिप्पणी उनके मुंह से सुनने को मिलती है जैसे हिंदू समाज के अंदर सबसे बड़ा त्यौहार भगवान श्री रामचंद्र जी के अयोध्या आगमन का दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है उस त्यौहार पर भी पटाखे ना छोड़ने लाइट ना जलाने और ना जाने कैसे-कैसे सरकारी फरमान लाकर हिंदू धर्म की आस्थाओं को ठेस पहुंचाने का कार्यक्रम यह तथाकथित ढोंगी समय-समय पर करते रहते हैं दीपावली के बाद जब होली का त्यौहार आता है तो उसके ऊपर पानी बचाने को लेकर अलग-अलग ढोंग करने का करते करते हैं यह ढोंगी जो कहते हैं कि होली के अंदर हमें गुलाल वाली होली नहीं खेल नहीं है हमें पानी वाली होली नहीं खेल नहीं है हमें पानी बचाना है गुलाल बचाना है गुलाल को गलत बनाने वाले यह लोग अस्थमा की बीमारी का घर बताने वाले यह लोग वैलेंटाइंस डे के दिन गुलाब का फूल लेकर हजारों रुपए हजारों ही नहीं करोड़ों रुपए का दुरुपयोग करते हैं जबकि यह त्यौहार हिंदुस्तान के किसी भी तलाश में किसी भी पन्नों पर नहीं लिखा गया है विदेशी त्यौहारों को मना कर अपने आपको गौरवान्वित महसूस कराने वाले ढोंगी हिंदू त्योहारों के ऊपर धज्जियां उड़ाने से बाज नहीं आते हैं ऐसे ही लोग जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान श्री कृष्ण पर भी टिप्पणी करने से नहीं चूकते हैं भगवान श्री कृष्ण को चोर मवाली रही और ना जाने कैसे-कैसे नाम देकर हिंदू धर्म की भावनाओं को आस्थाओं को ठेस पहुंचाने का प्रयास ढोंगी करते हैं रक्षाबंधन के त्यौहार को भाई-बहन के अटूट बंधन की बजाए दबाव और मजबूरियों का त्यौहार बताने का प्रयास भी है ढोंगी करते आए हैं इसी प्रकार शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर दूध ना चढ़ा कर गरीबों में वह दूध बांट देने का काम करने हेतु भी यह ढोंगी अपनी अपनी बात समय-समय पर कहते रहे हैं
इसी कड़ी में हिंदू धर्म के अलावा अगर बकरीद आती है या ईद उल फितर आती है या फिर क्रिसमस आता हो यही तथाकथित ढोंगी बकरीद में खुलेआम जब बकरों की बलि दी जाती है उस उत्सव को प्यार और सद्भावना का त्यौहार बताते हुए हिंदू धर्म को बदनाम करने का प्रयास करते हैं क्रिसमस के अंदर क्रिसमस ट्री के नाम पर हजारों लाखों पेड़ों को काट दिया जाता है लेकिन उस समय इनका ज्ञान कम पड़ जाता है
हिंदू धर्म पर अनर्गल टिप्पणी करने वाले यह सोशल मीडिया से पैदा हुए तथाकथित धर्मगुरु कभी भी आपको इस बात पर जोड़ देते नजर नहीं आएंगे कि पूरे हिंदुस्तान में जितने कब्रिस्तान हैं उन कब्रिस्तान ओं पर अगर खेती की जाए तो करीबन करीबन 8 करोड लोगों के भोजन की व्यवस्था उस खेती से उपजे अनाज से हो सकती है हिंदू धर्म की प्रथाओं पर मजाक उड़ाने वाले इन रोगियों को एक बार भी इस बात का एहसास नहीं होता है कि हिंदुस्तान कीआबादी का 5% से ज्यादा हिस्सा भरपेट भोजन कर सकता है उस जगह पर धानुका कर भोजन कर सकता है जिस जगह पर इन शांति दूतों ने बड़े-बड़े कब्रिस्तान बना रखे हिंदू धर्म और हिंदू प्रथाओं का मजाक उड़ाने वाले कभी भी इस विषय पर बात करते नजर नहीं आएंगे क्योंकि यह सच्चाई है जिसे बचाना शांति दूतों ही नहीं तथाकथित ढोंगी धर्मगुरुओं के लिए भी मुश्किल है
रोज सरकारी कब्रिस्तान के नाम पर शांति दूतों की संस्थाओं को हजारों हेक्टर जमीन निशुल्क आवंटित कर देती है जबकि यह सच है कि यह महज केवल और केवल हिंदुस्तान की धरती का दुरुपयोग है इसका सीधा सा हिसाब यही लगा लीजिए आप कि देश का 8 करोड से ज्यादा की आबादी का हिस्सा उस जगह पर धानुका कर अपना जीवन यापन कर सकता है जहां पर शांति दूतों ने कब्रिस्तान बना रखा है हिंदुस्तान के कई राज्य जैसे गुजरात राजस्थान मध्यप्रदेश ऐसे राज्यों की जनसंख्या जितना खाद्यान्न खाती है उतना पूरा खाद्यान्न केवल इन कब्रिस्तान ओं की जगह पर खेती कर के उप जाया जा सकता है परंतु इस पर कभी कोई टिप्पणी करता नजर नहीं आएगा क्योंकि इससे असल में शांति दूतों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचती है लेकिन हिंदुओं का क्या है हिंदुओं की हर प्रथा हर रिवाज पर मजाक उड़ाया जाता है तोहीन की जाती है लेकिन हिंदू हमेशा की तरह सहन करता जाता है सदियों से मुगलों ने हिंदुओं का अत्याचार किया है हिंदुओं के अधिकारों का हनन किया है हिंदुओं के दुराचारी के नाम से यह मुग़ल जाने जाते हैं परंतु हिंदुस्तान की शिक्षा जगत के अंदर मजाल है कि इतिहास के किसी पन्नों पर मुगलों के बारे में गलत लिखा गया हो वहां पर भी धीरे-धीरे ही सही लेकिन हिंदू धर्म को ही टारगेट करने का प्रयास इन वामपंथी विचारधारा द्वारा इन वामपंथी लोगों द्वारा समय-समय पर किया जाता रहा है
इस लेख के माध्यम से हिंदू समाज के तमाम युवाओं से हमारा विनम्र निवेदन है कि सनातन धर्म को पहचाने शास्त्रों को पढ़ें शास्त्रों के बारे में जाने हिंदू धर्म में जो हमारे गुरु रहे हैं उनके त्याग ध्यान और तब को स्वीकार करते हुए अपने जीवन में डाल कर अपने जीवन को श्रेष्ठ बनाएं हिंदू धर्म से ज्यादा प्रभावशाली और संस्कारी धर्म कभी कोई नहीं हो सकता इसका जीता जागता उदाहरण आपको वाइट हाउस के अंदर व जूती हिंदू धर्म के लोग देवताओं की धुन से अंदाज़ा हो जायेगा तथा हरे रामा हरे कृष्णा के नाम पर पूरे विश्व में करोड़ों की संख्या में लोग भगवान श्री कृष्ण और कृष्ण के मुंह में रोज जुड़ते जा रहे हैं यह कहीं ना कहीं सनातन धर्म की जीत की ओर इशारा सनातन धर्म के वजूद की ओर इशारा करने का प्रयास पूरे विश्व की तरफ से संदेश दिया जा रहा है जो आज के युवाओं को सीखने की जरूरत है समझने की जरूरत है
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इसे कहते हैं खोजी पत्रकारिता ??