90 के दशक में कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के पलायन और नरसंहार पर बनी फिल्म ने दुनिया के सामने उस सच्चाई को उजागर कर दिया था जिस सच को अब तक झूठा मानकर कुछ लोग नकार देते थे. द कश्मीर फाइल्स में दिखाए गए कश्मीरी पंडितों के पलायन और नरसंहार को घृणा फैलाने और गलतबयानी करने वाली फिल्म बताकर खारिज करने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई थी. अब एक बार फिर उसी तरह से फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ पर भी कुछ ऐसे ही आरोप लगा कर फिल्म को बैन करने की मांग की जा रही है. जिस तरह से द कश्मीर फाइल्स के विरोध में सेकुलर और लिबरल खेमा एक साथ फिल्म का विरोध कर रहा था ठीक उसी तरह ‘द केरल स्टोरी’ का भी विरोध किया जा रहा है. ये दोनों ही फिल्म सच्ची घटनाओं पर आधारित है। जहां विवेक अग्निहोत्री ने द कश्मीर फाइल्स में घाटी में हिंदुओं पर हुए जुल्म को पर्दे पर उतारा था तो विपुल अमृतलाल शाह ने ‘द केरल स्टोरी’ में केरल की उन महिलाओं की पीड़ा को दिखाया है जो इस्लामी धर्मांतरण और तस्करी की शिकार हुईं।
सच्ची घटना पर आधारित ‘द केरल स्टोरी’ का टीजर सोशल मीडिया पर जबरदस्त वायरल हुआ है. फिल्म के टीजर को अच्छा रिसपॉन्स मिल रहा है. लेकिन फिल्म का टीजर सामने आते ही इस पर बवाल शुरू हो गया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक केरल के डीजीपी ने फिल्म से जुड़े लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का आदेश दे दिया. कहा जा रहा है कि फिल्म में केरल को आतंकियों के लिए एक सेफ हैवेन के तौर पर दिखाया गया है और कांग्रेस ने भी ‘द केरल स्टोरी’ पर बैन लगाने की मांग की है. केरल में महिलाओं की तस्करी और धर्मांतरण की कहानी बयां करने वाली ‘द केरल स्टोरी’ से कट्टरपंथियों की मानों रातों की नींद उड़ गई है. जिसके बाद वे इसे बैन करने की मांग कर रहे हैं।
दरअसल, केरल में महिलाओं का जबरन धर्म परिवर्तन कराकर उन्हें ISIS में शामिल कराने वाली सच्ची घटना पर द केरल स्टोरी फिल्म की कहानी आधारित है। फिल्म मेकर्स पर आरोप लगाया जा रहा है कि वे इसके जरिये केरल को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं, केरल की छवि को खराब दिखाने की कोशिश की जा रही है. द केरल स्टोरी की रिलीज पर अड़ंगा लगाने की भरपूर कोशिश की जा रही है ताकि केरल का वो सच दुनिया के सामने न आ पाए जिसे छिपाकर अब तक रखा गया.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ‘द केरल स्टोरी’ में टीजर पर FIR दर्ज करने के निर्देश दिये गए हैं। जानकारी के मुताबिक केरल के डीजीपी अनिल कांत ने तिरुवनंतपुरम के पुलिस आयुक्त को ‘द केरल स्टोरी’ के टीजर पर FIR दर्ज करने का निर्देश जारी किया है। केरल पुलिस ने बताया कि FIR दर्ज करने का आदेश सीएम को भेजी गई शिकायत के बाद दिया गया है। तमिलनाडु के एक पत्रकार ने फिल्म का टीजर देखने के बाद केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को पत्र लिखा था। पत्रकार ने केरल सरकार से फिल्म के टीजर की सच्चाई की जांच करने को कहा था। उन्होंने कहा था कि जब तक कि निर्माता अपने दावों के लिए पर्याप्त सबूत पेश नहीं करते, फिल्म पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए।
Kerala DGP directed Thiruvananthapuram city police commissioner to register FIR on the teaser of the movie 'The Kerala Story'. This was based on a complaint sent to CM. High Tech Crime Enquiry Cell conducted a preliminary enquiry & report was sent to DGP: Kerala Police
— ANI (@ANI) November 8, 2022
फिल्म के टीजर पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता और केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीसन ने कहा ‘मैंने इस फिल्म का टीजर देखा है। इससे लोगों के बीच गलत सूचना फैल रही है। केरल में ऐसा कुछ नहीं हो रहा है। ये अन्य राज्यों के समक्ष केरल की छवि को खराब करने के लिए है। ये नफरत फैला रहा है, इसलिए इसे बैन कर देना चाहिए।’
वहीं सीपीआई (एम) के राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर ‘द केरल स्टोरी’ के टीजर के खिलाफ कार्रवाई का आग्रह किया है। उन्होंने अपने पत्र में कहा कि फिल्म का टीजर झूठी सूचना का प्रसार कर रहा है। यह सार्वजनिक शांति को भंग कर सकता है और इसके पीछे केरल को बदनाम करने की मंशा है।
CPI(M) RS MP John Brittas writes to the Union HM urging him to take actions against teaser of a movie 'The Kerala Story ' being widely circulated in social media.
"It is disseminating false info which may topple public tranquility & intended to defame Kerala," the letter reads pic.twitter.com/cG237YzPUq
— ANI (@ANI) November 9, 2022
फिल्म The Kerala Story के टीजर में केरल की उन हजारों महिलाओं की झकझोर कर रख देने वाली कहानी को दिखाया गया है, जिन्हें ISIS आतंकवादी समूह में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया था। बताया जाता है कि साल 2009 में केरल और मैंगलोर से 32 हजार महिलाओं का धर्म परिवर्तन कराकर उन्हें सीरिया, अफगानिस्तान भेजा गया था। लेकिन जिस तरह के कांग्रेस,वामपंथी और इस्लामिस्ट फिल्म का विरोध कर रहे हैं उससे तो यही लगता है कि ये सभी केरल की सच्चाई सामने आने से डरे हुए हैं इसलिए तो द केरल स्टोरी के विरोध कर इसे बैन करने की मांग की जाने लगी है. दरअसल केरल में बड़ी संख्या में हिंदू और ईसाई लड़कियों के इस्लाम में धर्मांतरण का खेल लंबे समय से चल रहा है. और, हाल ही में 5 साल के लिए बैन किया गया कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन PFI इसके लिए पैसों से लेकर नौकरी तक मुहैया कराता था. हिंदू और ईसाई लड़कियों को लव जिहाद से लेकर नार्कोटिक जिहाद तक के कई तरीकों से बहला-फुसला कर उनका इस्लाम में धर्मांतरण कराया जाता था.
जाहिर है एक तरफ जहां एक खेमा फिल्म पर बैन लगाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहा है वहीं दूसरी तरफ फिल्म का टीजर कई ब्लू टिक हैंडल पर शेयर किया जा रहा है. टीजर के व्यूज मिलियंस में आ रहे हैं उसे देखते हुए ये कहना गलत नहीं होगा कि फिल्म को हिट होने से कोई नहीं रोक सकता.
जाहिर है एक बार फिर उन वामपंथियों, कांग्रेसियों और इzलामिस्टों को मुंह की खानी पड़ेगी जैसा कश्मीर फाइल्स के समय इनके साथ हुआ था.
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