अगर आपने इस सबसे बड़ी गप्प (झूठी बात) को नहीं सुना तो क्या सुना, पेंशन एक्ट 1951 भी पढ़ना बाद में..

https://youtu.be/xGaDsHlUPJA

आइए मिलवाते है आपको एक बहुत बड़े झूठ से….

पहली बात तो देश के महामहिम राष्ट्रपति President of India श्री रामनाथ कोविंद जी झूठ बोल रहे है पेंशन एक्ट 1951 के तहत राष्ट्रपति की पगार टैक्स फ्री होती है राष्ट्रपति को एक ढेले जितना भी टैक्स या कोई खर्चा नहीं लगता और उसके परिवार का भरण पोषण भी मुफ्त होता है

अब जब टैक्स के दर्द की बात चली है तो थोड़ा आगे बढ़ते है देश के प्रथम व्यक्ति का टैक्स के प्रति ये दर्द उस समय कहां चला जाता है जब हर वर्ष लाखों करोड़ रुपए जनता की टैक्स की रकम को जातिगत आरक्षण के नाम पर ये सरकारें पानी की तरह बहा देती है (वर्ष 2021 का जातिगत आरक्षण के नाम पर 139800 करोड़ रुपए का बजट पास किया था निर्मला सीतारमन ने) क्या ये पैसा बिना मेहनत का है और अगर नही तो महामहिम कभी इस पैसे की चिंता क्यों नहीं करते और क्यों सार्वजनिक ये नही कहते कि जनता के टैक्स की रकम को देश के विकास में खर्च करे ना कि खैरात बांटने में….

क्यूं महामहिम देश के प्रधानमंत्री Narendra Modi जी को कहते कि अगले सत्र में एससी एसटी पर क्रीमी लेयर लागू करो, ओबीसी को क्रीमी लेयर में रखा पर वोटबैंक के लिए एससी एसटी को जातिगत आरक्षण की मलाई खाने के लिए जारी रखा, एक देश में इस तरह का भेदभाव…. कहां है भाई लोकतंत्र, लोकतंत्र की हत्या तो उसी दिन हो जाती है जब Arjun Ram Meghwal Ramdas Athawale Dr. Thawarchand Gehlot Dr. Udit Raj अरबपति बनकर भी अपनी पीढ़ी को जाति प्रमाण पत्र बनवाकर जातिगत आरक्षण का फायदा पहुंचा रहे है इन नेताओ ने लोकतंत्र का गला घोंटा है और अब लोकतंत्र की लाश पर बैठकर ऐश है कर रहे है

महामहिम से उम्मीद थी कि जब भी बोलेंगे संविधान और अंबेडकर के सपने पर बोलेंगे कि भाई अंबेडकर ने कहा था कि जिस दिन देश का पहला नागरिक दलित होगा इस दिन के बाद जातिगत आरक्षण की जरूरत नहीं पड़ेगी, पर नही बोले, अरे कम से कम आरक्षण की समीक्षा पर ही बोल जाते, कई ऐसे शोषित, पीड़ित और वांछित दलितों का भला हो जाता जिनका हक सत्ता की कुर्सी पर बैठकर ये अवसरवादी नेता खा रहे है ।

#आरक्षण #जातिगत

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