ममता बनर्जी की पार्टी TMC विधानसभा चुनाव में जब से जीत कर आई है मानो बुरे कर्म ममता और उनके नेताओं का पीछा ही नहीं छोड़ रहे हैं, हालत ऐसी हो गई है कि पार्टी जीत का जश्न तक नहीं मना पाई. जाहिर है जिस तरह से चुनावी नतीजों के बाद TMC ने पूरे बंगाल में खून की होली खेली, हिंदूओं को अपनी जान बचाने के लिए अपना घर बार छोड़ने पर मजबूर कर दिया उसके लिए उन्हें कभी माफी नहीं दी जा सकती.

अब शायद धीरे–धीरे ही सही लेकिन पाप का घड़ा भरता नजर आ रहा है. पश्चिम बंगाल में नारदा स्टिंग केस को लेकर कल से बवाल जारी  है. ममता सरकार के दो मंत्रियों समेत तृणमूल कांग्रेस के चारों नेताओं को आधी रात के करीब जेल भेज दिया गया. इससे पहले कलकत्ता हाई कोर्ट ने सभी की जमानत रद्द कर दी थी. सभी नेताओं को सीबीआई ने सोमवार को छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया था. सीबीआई की इस कार्रवाई के बाद टीएमसी ने कहा है कि मोदी सरकार बंगाल में हार बर्दाश्त नहीं कर पा रही है, इसलिए बदले की कार्रवाई कर रही है.

इस दौरान सोमवार को अपने नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी छह घंटे तक सीबीआई दफ्तर में धरने पर बैठी रहीं जबकि बाहर उनके समर्थकों ने परिसर को घेरे रखा. CBI की कार्रवाई के खिलाफ राज्य के कई जगहों पर हिंसक प्रदर्शन हुए. सीबीआई की विशेष अदालत ने इस मामले में टीएमसी नेता फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, विधायक मदन मित्रा, पूर्व टीएमसी नेता और कोलकाता के पूर्व महापौर सोवन चटर्जी को जमानत दे दी थी लेकिन कलकत्ता उच्च न्यायालय ने जल्द ही निचली अदालत के आदेश के अमल पर रोक लगा दी।

ममता बनर्जी खेमें में इस समय मानों मातम पसरा हुआ है , अब जाहिर है बोए पेड़ बबूल का तो फिर आम कहां से खाएंगे , ये कहावत ममता की पार्टी के नेताओं के लिए बिल्कुल सटीक बैठता है, याद रखिए ममता जी जिस तरह से आप बंगाल को बर्बादी की राह पर ले जा रही है वो आपको गर्त में मिला देगा, क्योंकि पाप का घड़ा भरते देर नहीं लगती।

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