गुरुवार के दिन उत्तर प्रदेश के सीएम योगी का बुलडोजर राजधानी दिल्ली पहुंचा जहां मदनपुर खादर इलाके में सीएम योगी का बुलडोजर चला है। यहां उत्तर प्रदेश शासन ने रोहिंग्यायों के अवैध कब्जे से 150 करोड़ की जमीन खाली कराई गई है। मदनपुर खादर इलाके में सुबह 4 बजे ही एक्शन लेते हुए सिंचाई विभाग की भूमि पर अवैध कब्जे से रोहंगिया कैम्पों को हटाया गया और अवैध कब्जे तोड़े गए। इस कार्रवाई में उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की 2.10 हेक्टेयर जमीन मुक्त कराई गई है।
इससे पहले उत्तर प्रदेश के अन्य इलाकों में अतिक्रमण को लेकर बड़ी कार्रवाई की गई थी। लेकिन ये पहला मौका है जब दिल्ली से सटे इलाके में योगी सरकार का बुलडोजर चला है। योगी सरकार ने सिंचाई विभाग की जमीन के बड़े हिस्से को रोहिंग्याओं के कब्जे से मुक्त करा लिया है।बता दें आपको यहां 50 से ज्यादा रोहिंग्या परिवार रहते थे, साथ ही एक मस्जिद भी बना दिया गया था जिसमें लाउडस्पीकर भी लगा हुआ है, मतलब साफ है यहां एक स्थाई बस्ती बसाने की तैयारी चल रही थी. सुदर्शन न्यूज के मुताबिक ये सब कुछ जकात फाउंडेशन की तरफ से किया जा रहा था, जिसमें जाकिर नाइक जैसे आतंकी सगठनों के लोग जुड़े हैं, यूपी सरकार ने कई बार इन लोगों को हटाने की कोशिश की लेकिन वोट बैंक की राजनीति की वजह से रोहिंगया और बांग्लादेषियों को हटाया नहीं जा सका,
बता दें कि जिस मदनपुर खादर इलाके में यूपी सरकार ने कार्रवाई की है। वो इलाका ओखला विधानसभा में आता है और यहां के विधायक हैं अमानतुल्लाह खान , यूपी के जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह का कहना है कि विधायक ने कुछ अराजकता की है और उनके खिलाफ शिकायत भी हुई है।
आपको याद होगा कुछ दिनों पहले इन कैंपों में दिल्ली सरकार और ओखला से AAP पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान की ओर से राशन सामग्री भी इन रोहिंग्या परिवारों के बीच बांटी गई थी.
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि रोहिंग्या मुसलमान भारत की सुरक्षा के लिए खतरा हैं, और इन्हें सरकार देश से बाहर करना चाहती है. वहीं इस मॉनसून सत्र में सरकार ने लोकसभा में कहा कि अवैध रोहिंग्या प्रवासी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं और वे कुछ गैरकानूनी गतिविधियों में भी लिप्त हैं।
जाहिर है उत्तर प्रदेश सरकार की ये कार्रवाई स्वागत योग्य है , क्योंकि जहां दिल्ली सरकार इन रोहिंग्याओं को सिर आंखों पर बिठाती है तमाम सुविधाएं देती है, वैसे में दिल्ली सरकार को जवाब देना पड़ेगा कि जो लोग देश के लिए खतरा हैं , जिनपर कई बार सुरक्षा एजेंसिया कई खुलासे कर चुकी हैं उनके लिए दिल्ली सरकार देश की सुरक्षा को ताक पर रखकर सेवा भगत में क्यों लगी है.?
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