एक तरफ जहां पूरा देश कोरोनावायरस वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार कर रहा है तो वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव इस वैक्सीन को बीजेपी की वैक्सीन बताकर इसे लगवाने से मना कर रहे हैं। जाहिर है कि यह वैक्सीन वैज्ञानिकों के द्वारा बनाई गई है और इसे बनाने के लिए कई दूसरे देशों के मेडिकल शोधार्थी लगातार भारतीय वैज्ञानिकों के संपर्क में थे। कई दवा कंपनियां भारतीय कंपनी के संपर्क में थीं और सभी के साझा सहयोग से यह भारत की वैक्सीन बनकर तैयार हुई है। 


भारत सरकार ने सोच-समझकर इस वैक्सीन को अपनी मंजूरी दी है ऐसे में अखिलेश यादव का वैक्सीन को भाजपा से जोड़ना बताता है कि उनकी राजनीतिक समझ कितनी बौनी है। अखिलेश यादव को यह सनद रहे कि यह वैक्सीन वैज्ञानिकों और डॉक्टरों के द्वारा बनाई गई है और जिसे अखिलेश भाजपा की वैक्सीन बता रहे हैं वह वैक्सीन उन्हें 2022 में मिलने जा रही है और वह लगाएंगे यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। 


खास वोट बैंक को खुश करने के लिए अखिलेश यादव ने वैक्सीन को भाजपा की वैक्सीन बताकर तुष्टीकरण का काम किया है ऐसे में यूपी की जनता समझदार है और वह वैक्सीन की डोज़ बनाकर 2022 में अखिलेश यादव को देगी जिसे लगाएंगे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ । कोरोनावायरस वैक्सीन को भाजपा की वैक्सीन बताने वाले अखिलेश यादव को 2022 में भाजपा की तरफ से वैक्सीन लगने जा रही है और चुनावों में जनता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यों पर मोहर लगाकर अखिलेश को यह वैक्सीन का डोज देगी, तब तक अखिलेश बाबू को डॉक्टर वैज्ञानिकों द्वारा बनाई गई वैक्सीन लगाकर तैयार हो जाना चाहिए।

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