बिहार चुनाव में नतीजे एनडीए के पक्ष में आए हैं। एनडीए के पक्ष में वोट मांगने कई स्टार प्रचारक आए मगर उनमें से यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम प्रमुख है। योगी ने बिहार में जिन 18 जगह में रैलियां की उनमें से 13 सीटें एनडीए ने जीती हैं। यानी बिहार में योगी की सफलता का स्ट्राइक रेट 70 फ़ीसदी रहा है। 


योगी आदित्यनाथ अपने भाषणों में बिहार की जनता को यह समझाने में कामयाब रहे किस तरह से उत्तर प्रदेश में कड़क कानून व्यवस्था के सहारे वो यूपी में रामराज्य की ओर अग्रसर हैं। अयोध्या में भव्य राम मंदिर के मुद्दे को जनता के बीच बीजेपी की सफलता बताने और समझाने में योगी आदित्यनाथ बखूबी कामयाब रहे। योगी ने अपनी रैलियों में खास तौर पर जिक्र किया कि कैसे उनकी सरकार के होते हुए .. यूपी में किसी भी जगह आगजनी हिंसा और उपद्रव नहीं किया जा रहा है। योगी ने अपने भाषणों में जनता की इस मुद्दे पर खूब तालियां बटोरी कि कैसे लखनऊ में हिंसा करने वालों के पोस्टर सरेआम लगाए जाते हैं और उनकी संपत्ति बेचकर सरकार लागत वसूल करती है।


योगी आदित्यनाथ ने बिहार के बख्तियारपुर, बिस्फी, कटिहार, केवटी, सीतामढ़ी, रक्सौल,बाल्मीकि नगर, झंझारपुर, लालगंज, दरौंदा, जमुई, काराकाट, गरिया कोठी, सीवान, अरवल, पालीगंज, तरारी और रामगढ़ सीट पर रैलियां की थीं। योगी आदित्यनाथ के भाषण की खास बात यह थी कि उन्होंने उग्र हिंदुत्व , बेहतर कानून व्यवस्था और जातिगत समीकरणों के तमाम सूत्रों को एक ही सूत्र में बांधा और तमाम मुद्दों का एकीकरण करते हुए वोटरों का रुख भांपते हुए अपनी ओजस्वी वाणी से चुनाव में माहौल बनाया।

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