यह मेरे जीवन का एक कटु सत्य है …..
मात्र 6 वर्ष पहले मैं भी एक सामान्य व्यक्ति था, मुझे भी औरों की तरह नेहरू, गांधी, गांधी परिवार तथा हिन्दू मुस्लिम भाई भाई जैसे नारे अच्छे लगते थे।
मगर ….. मगर ….
इन 6 वर्षों में विभिन्न माध्यमों से मुझे कुछ ऐसे सत्य पता चले जो हैरान करने वाले थे।
- सोशल मीडिया से मुझे यह पता चला कि “पत्रकार” निष्पक्ष नहीं होते। वे भी किसी मकसद/व्यक्तिगत स्वार्थ से जुड़े होते हैं।
- लेखक, साहित्यकार भी निष्पक्ष नहीं होते। वे भी किसी खास विचारधारा से जुड़े होते हैं।
- साहित्य अकादमी, बुकर, मैग्ससे पुरस्कार प्राप्त बुद्धिजीवी भी निष्पक्ष नहीं होते।
- फिल्मों के नाम पर एक खास विचारधारा को बढ़ावा दिया जाता है। बालीबुड का सच पता चला।
- हिन्दू धर्म को सनातन धर्म कहते हैं और देश का नाम हिंदुस्तान है, क्योंकि यह हिंदुओं का इकलौता देश है।
- हिन्दू शब्द सिंधु से नहीं (ईरानियों द्वारा स को ह बोलने से) नहीं आया बल्कि “हिन्दू” शब्द “ऋग्वेद” में लाखों वर्ष पूर्व से ही वर्णित था।
- जातिवाद, बाल विवाह, पर्दा प्रथा हजारों वर्ष पूर्व सनातनी नहीं बल्कि मुगलों के आगमन से उपजी कु-व्यवस्था थी, जिसे अंग्रेजों ने सनातन से जोड़कर हिन्दुओं को बांटा। उसे लिखित इतिहास बनाया।
- किसी समय भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म पूरे विश्व में फैला था।
- वास्कोडिगामा का सच ये था कि वह एक लुटेरा, धोखेबाज था और किसी भारतीय जहाज का पीछा करते हुए, भारत पहुंचा।
- बप्पा रावल का नाम, काम और अद्भुत पराक्रम सुना। उनसे डरकर 300 वर्ष तक मुस्लिम आक्रांता इधर झांके भी नहीं।
- बाबर, हुमायूँ, अकबर, औरंगजेब, टीपू सुलतान सहित सभी मुगल शासक क्रूर, हत्यारे, इस्लाम के प्रसारक और हिंदुओं का नरसंहारक थे, यह सच पता चला।
- ताज़महल, लालकिला, कुतुब मीनार हिन्दू भवन थे, इनकी सच्चाई कुछ और थी।
- जिसे लोग व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी कहकर मजाक उड़ाते हैं, उसी ने मुझे हेडगेवार, सुभाष चंद्र बोस, सरदार पटेल व हिन्दू समाज के साथ कि गई गद्दारी की सच्चाई बताईं।
- गाँधी जी की तुष्टिकरण और भारत विभाजन के बारे में ज्ञान हुआ।
- नेहरू की असलियत, उसके इरादे, उसकी हरकतें, पता चलीं।
- POJKL के बारे में भी इन 6 वर्षों में जाना कि कैसे पाकिस्तान ने कब्जा किया। और कौन लोग POJKL को भारत का हिस्सा नहीं मानते हैं।
- अनुच्छेद 370 और उससे बने नासूर का पता चला।
- कश्मीर में दलितों को आरक्षण नहीं मिलता, यह भी अब पता चला।
- AMU मे दलितों को आरक्षण नहीं मिलता, वह संविधान से परे है।
- जेएनयू की असलियत, वहाँ के खेल और हमारे टैक्स से पलने वाली टुकड़े टुकड़े गैंग का पता चला।
- वामपंथी-देशद्रोही विचारधारा के बारे में पता चला।
- जय भीम समुदाय के बारे में पता चला। भीमराव के नाम पर उनके मत से सर्वथा भिन्न खेल का पता चला। मीम भीम दलित औऱ हिन्दू दलित अलग होते हैं पता चला।
- मदर टेरेसा की असलियत अब जाकर ज्ञात हुई।
- ईसाई मिशनरी और धर्मांतरण के बारे में पता चला।
- समुदाय विशेष में तीन तलाक, हलाला, तहरुष, मयस्सर, मुताह जैसी कुरीतियों के नाम भी अब जाकर सुना। इनका मतलब जाना।
- अब मुझे पता चला कि धिम्मी, काफिर, मुशरिक, शिर्क, जिहाद, क्रुसेड जैसे शब्द हिन्दुओं के लिए क्या संदेश रखते हैं।
- सच बताऊं, गजवा ऐ हिन्द के बारे मे पता भी नहीं था। कभी नाम भी नहीं सुना था। यह सब इन 6 वर्षों में पता चला। स्टॉकहोम सिंड्रोम और लवजिहाद का पता चला।
- सेकुलरिज्म की असलियत अब पता चली। मानवाधिकार, बॉलीवुड, बड़ी बिंदी गैंग, लुटियंस जोन इन सबके लिए तो हिन्दू एक चारा था।
- हिन्दू पर्सनल लॉ और मुस्लिम पर्सनल लॉ अलग हैं, यह भी सोशल मीडिया ने ही बताया। नेहरू ने हिन्दू पर्सनल लॉ को समाप्त कर दिया। लेकिन मुस्लिम पर्सनल लॉ को रहने दिया।
- भारतीय इतिहास के नाम पर हमें झूठा इतिहास पढ़ाया गया, जिन मुगलों ने हमें लूटा, हम पर अत्याचार किया उन्हें महान बताया गया। यदि कोई बाहरी व्यक्ति आपके घर पर कब्जा करे लूटे अत्याचार करे, वह महान और लुटने वाला लुटेरा कैसे हो सकता है।
- इतना सब पता चलने के बाद भी और मोदीजी के महान नेतृत्व के बाद भी केवल तीस प्रतिशत हिन्दू ही समझ पाए बाकी वैसे ही हैं।
- यहां तक कि न्यायमूर्ति कहे जाने वाले न्यायाधीश तक निष्पक्ष नहीं होते, कुछ विचारधारा से, कुछ डर के कारण, न्याय नहीं कर सकते।
- अभिव्यक्ति की आजादी और सही इतिहास जिसे दफन कर दिया गया था वह अब धरती फाड़कर बाहर आ रहा हैै। इसमें कुछ झूठ का अंश हो सकता है, पर पहले लिखा इतिहास सारा झूठ का पुलंदा था।
- सभी राजनीतिक पार्टियों की वास्तविक हकीकत, और उनका एजेंडा पता चला.
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