सम्पूर्ण दुनिया के साथ- साथ भारत भी वैश्विक महामारी से जूझ रहा है, स्वाभाविक रूप से जन संख्या बोझ में दबे भारत में साधनों-संसाधनों की कमी ने महामारी से लड़ने के संकल्प में व्यवधान पैदा किये है, लेकिन फिर भी अंतर्राष्ट्रीय समुदाय वैश्विक महामारी से निपटने में भारत की कार्यशैली की प्रशंसा कर रहा है!कोरोना महामारी के नियंत्रण में लगे देशों की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकुल प्रभाव पड़ना स्वाभाविक था, भारत की अर्थव्यवस्था भी इसका अपवाद नहीं रह सकती! भारत सहित दुनिया की अर्थव्यवस्था पर नजर रखने वाली एजेंसियों रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा फंड, विश्व बैंक, एशियन विकास बैंक, घरेलू रेटिंग एजेंसी, फिंच रेटिंग एजेंसी, इंडिया रेटिंग और रिसर्च तथा मुडिज ने अपने- अपने विशलेषणों के आधार पर वित्त-वर्ष 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दिये है! रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक में ये उम्मीद जताई है,कि जनवरी-मार्च 2021 यानी चालू वित्त वर्ष के अंतिम और चौथी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ पॉजिटिव में देखने को मिल सकती हैं!भारत की अर्थव्यवस्था पर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी अनुमान जाहिर किया है,कि अगले वित्तीय वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था शायद 8.8 फीसदी गति से बढ़े और यह दुनिया की सबसे तेज बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था फिर से बन जाए. इस दौरान चीन की वृद्धि दर 8.2 फीसदी ही रहने की संभावना व्यक्त की गई है.विश्व बैंक ने भी अपनी साउथ एशिया इकाॅनोमिक फोकस रिपोर्ट में एवं एडीबी ने भी अगले वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी 9 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है. घरेलू रेटिंग
एजेंसी CARE रेटिंग ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा है,कि अगले वित्त-वर्ष में भारत की जीडीपी ग्रोथ 8 से 8.2 फीसदी रह सकती है. फिंच रेटिंग एजेंसी एवं इंडिया रेटिंग और रिसर्च एवं रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भी भारत की जीडीपी के अगले वित्त वर्ष में सुधरने के संकेत दिये है!
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