‘चर्चा हिन्दू राष्ट्र की’के अंतर्गत त्र्यंबकेश्वर मंदिर की घटना पर आधारित ‘विशेष संवाद’ !

 हाल ही में संदल के उपलक्ष्य में 15-16 मुसलमानों के समूह ने हिन्दुओं के ज्योतिर्लिंग श्री त्र्यंबकेश्वर मंदिर में घुसकर हरी चादर चढाने का प्रयत्न किया । यह एकप्रकार से हिन्दुओं को टटोलने का प्रयत्न था । वे देखना चाहते थे कि ऐसा करने पर हिन्दुओं की क्या प्रतिक्रिया होगी भविष्य में इससे बडा षड्यंत्र रचा जा सकता है । इसलिए हिन्दू अपने मंदिरों की रक्षा के लिए अभी से सावधान हो जाएंऐसा आवाहन नासिक जिले के प्रसिद्ध ‘श्री कालाराम मंदिर’के आचार्य महामंडलेश्वर महंत श्री सुधीरदासजी महाराज ने किया । वे हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित ‘मूर्तिपूजा का विरोध करनेवाले मुसलमानों ने त्र्यंबकेश्वर मंदिर में घुसने का प्रयत्न क्यों किया ?’ इस विषय पर विशेष संवाद में वे बोल रहे थे ।

इस अवसर पर महंत श्री सुधीरदासजी महाराज आगे बोले, ‘‘साउदी अरेबिया में कहीं भी मजार नहींकहीं भी संदल नहीं निकलतायह प्रकार केवल भारत में ही बढता चला जा रहा है । इससे देशभर में लैंड जिहाद शुरू है । अब हिन्दुओं के मंदिर में घुसकर गडबड करना शुरू कर दिया । एक ओर तो ये लोग मूर्तिपूजा मानते नहींतो दूसरी ओर मंदिरों के नाम पर अपना व्यवसाय करनायह उनकी दोहरी नीति है । इसलिए ऐसे लोगों से पूजाप्रसाद की सामग्री क्यों खरीदें उनकी पूजा समाग्री पर बहिष्कार क्यों न डालें इस पर हिन्दुओं को चिंतन करना चाहिए ।

 इस अवसर पर ‘श्री त्र्यंबकेश्वर पुरोहित संघ’के अध्यक्ष श्रीमनोज थेटे गुरुजी बोलेत्र्यंबकेश्वर में मुसलमानों के संदल अनेक वर्षाें से शुरू हैपरंतु मंदिर के अंदर घुसकर धूप दिखाना और चादर चढाने की प्रथा कभी भी नहीं थी । वे लोग रास्ते से जाते समय धूप दिखाते होंइसलिए वह मंदिर की प्रथा नहीं हो जाती । इस संदर्भ में त्र्यंबकेश्वर नगर परिषद द्वारा बुलवाई गई ग्रामसभा में संबंधित मुसलमानों ने अपनी चूक के लिए सार्वजनिक क्षमायाचना की ।

 इस अवसर पर ‘हिन्दू जनजागृति समिति’के समन्वयक श्रीआनंद जाखोटिया बोलेइस घटना से कुछ प्रसारमाध्यम एक ‘नैॅरेटिव’ सेट कर रहे हैं कि ‘हिन्दुओं ने इस प्रथापरंपरा का स्वागत किया हैपरंतु कुछ कट्टर हिन्दू जानबूझकर विरोध कर रहे हैं’परंतु ये प्रसारमाध्यम हिन्दुओं की  धार्मिक भावनाओं का तनिक भी विचार नहीं करते । यदि मुसलमानों में वास्तव में ही श्री त्र्यंबकेश्वर पर इतनी श्रद्धा हैश्रीराममंदिर के लिए हिन्दुओं को 500 वर्ष क्यों लडना पडा काशी और मथुरा के मंदिर हिन्दुओं के स्वाधीन क्यों नहीं कर रहे ? ‘अहिन्दुओं को प्रवेश नहीं’ऐसा स्पष्ट सूचनाफलक मंदिर के बाहर लगा होने पर भी उसका पालन मुसलमान नहीं करतेतो वे किस प्रथापरंपरा के विषय में बोल रहे हैं यही गुट यदि 15-16 लोगों से अधिक बडा होता और सुरक्षा रक्षकों ने उन्हें रोका नहीं होतातो क्या होता इस विषय में सरकार और हिन्दुओं को गंभीरता से विचार करना चाहिए ।

श्री. रमेश शिंदे, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति.

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