इस्लामी अफगानिस्तान में जाकर कबीर खान राष्ट्रनिर्माण करें !

विगत सप्ताह ही अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा सत्ता नियंत्रण में लेने पर वहां की जनता पर किए जा रहे अत्याचार और देश से पलायन करने हेतु नागरिकों द्वारा किया जा रहा संघर्ष दिखाई दे रहा है । 12 वर्ष की बच्चियों को ढूंढकर बलपूर्वक ले जाने से लेकर पत्रकार और नागरिकों की हत्या करने तक का सत्य आधुनिक माध्यम, विश्‍व के सामने प्रस्तुत कर रहे हैं । विगत सत्ताकाल में तालिबानियों ने बामियान की प्राचीन बुद्धमूर्ति किस प्रकार उद्ध्वस्त की, यह सभी ने देखा है । वर्तमान आधुनिक काल में अल्पसंख्यक और अन्य पंथियों के श्रद्धास्थानों पर इतने अत्याचार किए जा रहे हो, तो 700-800 वर्षों पूर्व भारत पर आक्रमण करनेवाले मुगल आक्रांताओं ने कितने अत्याचार किए होंगे, इसकी  कल्पना भी हम नहीं कर सकते ! यह सभी सत्य छुपाने के लिए भारत का एक विशिष्ट गुट प्रयासरत है । टीपू सुल्तान को ‘देशभक्त’ घोषित करने से लेकर औरंगजेब को ‘सूफी संत’ बताने हेतु उनके प्रयास चल रहे हैं । भारत का बॉलीवुड तो इसमें प्रथम स्थान पर है । पाकिस्तान द्वारा भारत पर आक्रमण कर सैनिकों की हत्या करने का दुःख उन्हें नहीं होता; परंतु वे पाकिस्तानी कलाकारों को भारत में लाकर उनसे भाईचारा दर्शाकर उन्हें रोजगार उपलब्ध करवाते हैं । इसी कडी में ‘दी एम्पायर’ नामक बाबर का माहिमामंडन करनेवाली वेबसीरीज प्रदर्शित हो रही है, उसी समय बॉलीवुड के एक दिग्दर्शक कबीर खान को मुगल ही खरे ‘राष्ट्र निर्माता’ होने का बोध हुआ है । उन्होंने कहा ‘मुगल और मुसलमान शासकों को खलनायक दिखाना चिंताजनक है ।’ ऐसे में प्रश्‍न निर्माण होता है कि ‘आक्रांता मुगल यदि ‘राष्ट्र निर्माता’ है, तो फिर प्रभु श्रीराम से लेकर छत्रपति शिवाजी महाराज तक भारत भूमि में जन्मे हिन्दू राजा कौन थे ?’ 17 बार सोमनाथ मंदिर, 18 बार जगन्नाथ मंदिर किसने लूटा ? हिंदुओं के अयोध्या-मथुरा-काशी के भव्य मंदिरों को किसने उद्ध्वस्त किया ? सिख गुरुओं पर अमानवीय अत्याचार कर उनकी हत्या किसने की ? 30 वर्षों पूर्व कश्मीर में इस्लामी राष्ट्रनिर्माण का कार्य करने के लिए हिन्दू पंडितों पर किए गए अत्याचारों के कारण विस्थापित एक भी हिन्दू पंडित आज तक कश्मीर में वापस नहीं गया । इतना सब होते हुए भी भारत में असुरक्षित एवं भय अनुभव करने का ढोंग करनेवालों को अब भारत में निराश होकर रहने की अपेक्षा जहां अब संपूर्ण इस्लामी शरीयत लागू है, उस अफगानिस्तान में जाकर राष्ट्र निर्माण का कार्य करना चाहिए, ऐसा सुझाव हिन्दू जनजागृति समिति ने कबीर खान को दिया है ।

      मुगल आक्रांताओं के वास्तविक अत्याचारों से भरे इतिहास पर परदा डालकर तालिबान का समर्थन करने का यह षडयंत्र है । वास्तव में इन आक्रमणकारियों की क्रूरता का वर्णन उन्हीं के अखबार इत्यादि इतिहासग्रंथों में है । इन इतिहासग्रंथो में हिन्दुओं को बलपूर्वक मुसलमान बनाना, मंदिरों का विध्वंस करना, महिलाओं को गुलाम बनाने हेतु दिए आदेश आज भी उपलब्ध है । ऐसे में मुसलमानों को खलनायक दिखाने के विषय में खेद व्यक्त करनेवालों पर आश्‍चर्य होता है । सिख गुरु, स्वयं के भाई दारा शिकोह, छत्रपति संभाजी महाराज की तडपा-तडपाकर हत्या करनेवाला क्रूर औरंगजेब क्या ‘राष्ट्र निर्माता’ था ? तालिबानी विचारधारा की सहायता करनेवाले कबीर खान को सबक सीखाने के लिए उसके आगामी सभी फिल्मों पर, साथ ही क्रूर बाबर का महिमामंडन करनेवाली ‘दी एम्पायर’ वेबसीरीज प्रदर्शित करनेवाली ‘डीजनी-हॉटस्टार’ का हिन्दू बहिष्कार करें, ऐसा आवाहन समिति ने किया है ।

रमेश शिंदे, राष्ट्रीय प्रवक्ता,हिन्दू जनजागृति समिति, 

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.