जब आप कहते हैं कि यहाँ मुझे नकारात्मक ऊर्जा का आभास हो रहा है I am getting negative vibes here.

इसका अर्थ यह है कि आप नकारात्मकता के प्रति सुग्राही हैं अथार्त you are receptive to negativity.

अब आपके पास दो ही रास्ते हैं या तो आप उस जगह से चले जाएं या स्वयं में सकारात्मक ऊर्जा को इतना संचारित कर लें कि नकारात्मक ऊर्जा आपको स्पर्श भी ना कर सके।

भागने से कहीं उचित उपाय तो यही है कि अपना औरा सकारात्मक रखकर अन्धकार में भी प्रकाश को सृजित करें।

अब सवाल यह है कि सकारात्मकता का प्रतिशत कैसे बढ़ाया जाए।

साधना की वह अवस्था जहां आप समस्या से अधिक समाधान की ओर ध्यान केंद्रित करने लग जाते हैं तो समाधान स्वयं आपको अपने प्रति आकृष्ट करता है यही ध्यान की प्रारंभिक अवस्था है इस अवस्था से आगे समस्या नहीं मात्र खोज का रास्ता होता है जो अंतहीन है।

साधारण मानव के लिए अमृत की वह बूंद जो उसे परमात्मा के दर्शन करवा देती है और एक ऐसे निर्वात का निर्माण करती है जहां ना समस्या होती है ना समाधान वही सर्वोच्च अवस्था है।

गुरु का योगदान इस अवस्था मे पहुंचने के लिए सर्वोपरि है।

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