कुछ लोगों या संस्थाओं को देखकर मन से एक ही आवाज उठती है, “ऐसे लोगों के रहते दुश्मनों की क्या जरूरत?” एक बार फिर से द हिन्दू ने अपनी वास्तविक वफादारी सिद्ध करते हुए ये फेक न्यूज फैलाने की कोशिश की कि चीन ने भारत के कुछ हिस्सों पर कब्ज़ा जमाया हुआ है, और वे भारतीय सीमा में काफी अंदर तक घुसपैठ कर चुके हैं।
द हिन्दू ने पूर्व सांसद थुपस्टान चेवांग के हवाले से कहा, “पैनगोंग त्सो झील के छोर पर चीन ने भारतीय सीमा में प्रवेश करते हुए नई पोजीशन पर कब्जा जमा लिया है। चेवांग के अनुसार उन्हें ये जानकारी लद्दाख में LAC के निकट रह रहे निवासियों से मिली है। उनके अनुसार, ‘बॉर्डर पर स्थिति बहुत खराब है। चीनी सैनिकों ने न केवल हमारे क्षेत्रों में घुसपैठ की है, बल्कि फिंगर 2 और फिंगर 3 जैसे इलाकों पर कब्ज़ा जमाया हुआ है। यहाँ तक कि Hot Springs क्षेत्र को भी पूरी तरह से खाली नहीं कराया गया है। ये सभी जानकारी हमें स्थानीय लोगों से मिली है।”
परंतु बात यहीं पे नहीं रुकी। द हिन्दू ने इस रिपोर्ट में यहाँ तक दावा किया कि भारतीय सैनिक जिन टेंट्स में रह रहे हैं, वो बेहद दोयम दर्जे के हैं, जो सब जीरो तापमान नहीं बर्दाश्त कर सकते हैं। लेकिन उनका झूठ ज्यादा देर नहीं टिक पाया। आर्मी अफसरों ने इस बात को सिरे से खारिज करते हुए इसे भ्रामक खबर बताया। पूर्व आर्मी अफसर लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ ने स्वयं ट्वीट करते हुए इस दावे को पूर्णतया गलत और भ्रामक बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि उक्त क्षेत्र में दूर-दूर तक कोई नागरिक नहीं रहता, ऐसे में स्थानीय लोगों के हवाले से सूचना देने की बात पूर्णतया गलत है –
इसके अलावा प्रेस इन्फॉर्मैशन ब्यूरो के फैक्ट चेकर हैन्डल ने भी ट्विटर पर इस बात को स्पष्ट किया कि ऐसी कोई भी खबर सही नहीं है, और इसे इंडियन आर्मी ने भी भ्रामक सिद्ध किया है।
अक्टूबर के प्रारंभ में द हिन्दू ने अपना एक पूरा पेज चीनी प्रोपगैंडा को समर्पित किया था –
इस पेज में चीन के राष्ट्रीय दिवस से संबन्धित जानकारी, चीनी राजदूत का सम्बोधन और वुहान वायरस के विरुद्ध लड़ाई में चीन की कथित विजय की गाथा शामिल थी। इसमें इस बात को विशेष बढ़ावा दिया गया था कि कैसे चीन ने पूरी दुनिया के लिए वुहान वायरस से लड़कर एक “मिसाल” पेश की है।आपको यह पेज पढ़कर ऐसा प्रतीत होगा मानो चीन से सच्चा और अच्छा देश इस संसार में कहीं नहीं है, और अब समय आ गया है कि चीन को अमेरिका और भारत की नज़रों से देखना बंद किया जाये।
लेकिन अगर आप पेज 3 के ऊपरी हिस्से के दाहिने तरफ ध्यान दें तो आपको चार शब्द नज़र आएंगे, ‘A Space Marketing Initiative’, यानि इस पेज को छापने के लिए चीन से विशेष तौर पर भुगतान किया गया था। मतलब स्पष्ट है, द हिन्दू ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रोपगैंडा को फैलाने के लिए पैसे लिए थे। इसे चीन की चाटुकारिता में अपने आत्मसम्मान की बलि चढ़ाना न कहें तो क्या कहें?
ऐसे में द हिन्दू भारत विरोधी ताकतों के प्रति अपनी वफादारी व्यक्त करते हुए भ्रामक खबर फैलाना चाह रहा था, परंतु भारतीय सेना को इनके झूठ का भंडाफोड़ करते देर नहीं लगी, और एक बार फिर द हिन्दू अपना-सा मुंह लेकर रह गया।
DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.