हमारे देश के जवान देश की सबसे बड़ी सम्पतियों में से एक है। वे राष्ट्र के संरक्षक हैं और हर कीमत पर अपने देश के लोगों की रक्षा करते है. हमारे फौजी निस्वार्थ भाव से देश की सेवा के लिए हर समय तैयार रहते हैं और देश हित को सबसे ऊपर रखते है। देश की सरहद पर तनाव और गोलीबारी के बीच मुस्तैदी से देश की रक्षा कर रहे हमारे सेना के जवान भगवान में काफी आस्था रखते हैं.

हमारे देश के जवान जहां एक तरफ देश की रक्षा करने के लिए अपना सबकुछ न्यौछावर करते हैं वहीं हमारा सनातन धर्म और हमारी सांस्कृतिक धरोहर को भी बचाए रखने में अपना योगदान देने से पीछे नहीं हटते. एक ऐसी ही बेहद खूबसूरत तस्वीर सामने आयी है अरुणाचल प्रदेश से. जहां करीब 30 साल पुराने भगवान भोलेनाथ की जर्जर पड़ी प्राचीन मंदिर का इन जवानों ने कायाकल्प कर दिया. ये मंदिर तिराप जिला के खोनसा इलाके में है. यहां सेना के जवानों की ड्यूटी लगाई गई थी, करीब 10 से 12 की संख्या में जवान अपनी ड्यूटी करते हैं. इसी बीच जब भी इन्हें अपने ड्यूटी से थोड़ी भी फुर्सत मिलती है तो ये मंदिर की साफ-सफाई, पेंटिंग में जुट जाते थे.

kreately Media को मिली जानकारी के मुताबिक ये मंदिर 30 साल ये यहां पर है, लेकिन किसी ने इस मंदिर की सूरत बदलने की कोशिश नहीं की, हमें मिली जानकारी के मुताबिक यहां इस इलाके में मिशनरियों की संख्या ज्यादा है , इसलिए ये वजह भी हो सकती है कि किसी ने भी मंदिर के बारे में नहीं सोचा . जवानों को इस धर्म के काम में उनके अधिकारियों का भी पूरा सहयोग मिलता है . इन जवानों की ड्यूटी जिस भी इलाके में होती है वहां भी वे लोग इस तरह के काम करते हैं.

ये हमारे जवान ही हैं जिन्होंने बीहड़ जंगल के मंदिर को भी चमका दिया. ऐसे सपूतों को पाकर भगवान भी धन्य हो जाते हैं , इन जवानों से सभी हिंदुओं को प्रेरणा लेनी चाहिए और अपने इलाके में जर्जर मंदिरों का पुनः जीर्णोद्धार करना चाहिए।

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