वर्ष 2010 में भारत आए अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ने अपनी किताब में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के आवास पर आयोजित एक रात्रिभोज का जिक्र किया है। पार्टी में सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों नेता शामिल थे। ओबामा लिखते हैं, ‘सोनिया गांधी बोलने से ज्यादा सुनने पर गौर कर रही थीं। इसके अलावा बातचीत में वह चर्चा को अपने बेटे की तरफ मोड़ देती थीं।
राहुल गांधी को अपरिपक्व राजनेता बताने के बाद अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपनी किताब में लिखा है कि सोनिया गांधी ने मनमोहन सिंह को इसलिए प्रधानमंत्री बनाया था, क्योंकि उन्हें मनमोहन सिंह से कोई खतरा महसूस नहीं होता था। पांच राज्यों के चुनाव में G23 को किसी भी राज्य में घुसने नहीं दिया गया क्यों कि इन्होंने दस जनपथ को सही रास्ता दिखाने की गलती की थी। 10 जनपद को हमेशा डर रहता है की कोई और नेता उनको हटाकर गद्दी पर बैठ सकता है इसीलिए नेक सलाह देने वालों को भी रास्ते से हटा दिया जाता है।
राहुल ने बंगाल में मोदी को हराने के लिए कांग्रेस को ही खत्म कर दिया। बंगाल चुनाव में कांग्रेस 44 सीट से घटकर जीरो हो गई वोट प्रतिशत 16 से घटकर 2.1 हो गया। केरल में 42 साल का इतिहास पलट गया जब सत्तारूढ़ वामपंथी दोबारा सत्ता में आई। वायनाड में जहां से राहुल चुनाव जीता था उस लोकसभा की सभी विधानसभा सीटों पर वामपंथी जीत गए। कांग्रेस की इस बुरी दशा पर सिब्बल को छोड़ किसी ने राहुल पर सवाल उठाने की हिम्मत नहीं की।
राहुल प्रियंका सोनिया मोदी के साथ निजी दुश्मनी के कारण कभी-कभी ऐसे बयान देते हैं जो देशद्रोह की श्रेणी में आता है और कांग्रेस पार्टी को मुंह दिखाना भी मुश्किल हो जाता है। चीन पाक और सेना पर राहुल का बयान पार्टी के खिलाफ जाता है और सामान्य से राष्ट्रवादी को लगता है कि यह तीनों ही कंही न कंही राष्ट्र विरोधी है। इनमे से कोई भी अपने दम पर पार्टी नहीं चला सकता, यह पहले भी था और इस चुनाव में साबित भी हो गया।
मोदी के खिलाफ व्यक्तिगत दुश्मनी के कारण दिल्ली में 15 वर्ष लगातार सत्ता में रहने के बावजूद आत्मदाह किया था। बंगाल में उसके साथ मिलकर चुनाव लड़ा जिनके के खिलाफ केरल में अस्तित्व बचाना था। असम में उसके साथ चुनाव लड़ा जो खुले आम कहता था अगली बार लुंगी और टोपी वालों की सरकार होगी। सभी राज्यों के वोटरों को समझ में आ गया कि कांग्रेस नहीं बल्कि एक देशद्रोही दल चुनाव लड़ रही है।
इन बातों का सिर्फ इतना ही निहितार्थ नहीं है कि कांग्रेस चुनाव हार रही है। कांग्रेस चुनाव हारने की आड़ में बहुत ही भयंकर षणयंत्र रच रही जो दिख तो रहा कि ये सत्ता का लालच भर है लेकिन वास्तव में गांधी परिवार के अस्तित्व की अंतिम लड़ाई है जो देश की अस्मिता व सुरक्षा की कीमत पर है।
षणयंत्रों का दौर चरम पर है,देश को तेजी से गृहयुद्ध की तरफ झोंका जा रहा है। स्वस्थ रहिए सजग रहिए और आंखें खुली रखिये वरना खुद का अस्तित्व बचाने में गांधी परिवार देश व हिंदुओं का अस्तित्व मिटाने से न चूकेगी।
DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.