इमरती देवी न सिर्फ एक महिला उम्मीदवार है मध्यप्रदेश के उपचुनावों में बल्कि एक दलित उम्मीदवार और पूर्व मंत्री भी हैं वह भी कमलनाथ के मंत्रिमंडल में मंत्री रह चुकी हैं.

चुनावों में एक दूसरे को दोषारोपण करना कोई नई बात नहीं है लेकिन इस तरह का चारित्रिक हरण केवल कांग्रेस और कम्युनिष्ट ही कर सकते हैं.

आखिर कौन हैं कमलनाथ? ये राहुल और सोनिया के सबसे नजदीकी हैं अहमद पटेल की तरह। अगर राहुल गाँधी अपने से उम्र में बड़े मोदीजी जी को अपशब्द कह सकते हैं,कि छः महीने में मोदी को युवा लट्ठ मारेंगे तो कमलनाथ तो चेले हैं जो सार्वजनिक तौर से कहते हैं राहुल के मूत्र को पीने के लिए लाइन लग सकती है.ये कमलनाथ कांग्रेस के हाई कमान के कितने नजदीक हैं यह इसी बात से पता चल जाता है कि इन कमलनाथ के लिए कांग्रेस ने एक युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को ही गंवाया जिसने मध्यप्रदेश में कांग्रेस को पुनर्जीवित करने के लिए जी जान लगाई थी और कांग्रेस को सत्ता तक पहुँचाया था,

असल में कांग्रेस के लिए महिला या दलित कोई सम्मान के पात्र नहीं हैं बल्कि राजनीती साधने के टूल मात्र हैं। कांग्रेस के ही सम्मानित और मध्यप्रदेश के एक और कोंग्रेसी नेता जो हाई कमान के नजदीक हैं वे हैं दिग्विजय सिंह जिन्हें कांग्रेस में एक दलित के ऊपर तरजीह देकर राज्यसभा पहुँचाया के अमृत बोल हैं एक महिला के लिए कि वे “टंच माल” हैं और यह भी उन्होंने अपनी ही पार्टी की नेता को कहा था.

एक दूसरे नेता हैं संजय निरुपम जिन्होंने smt स्मृति ईरानी को उनके टीवी की दुनिया के बैकग्राउंड को लेकर इसी तरह की अभद्र टिप्पणी की थी। शमशेर सिंह जिनके बेटे रणदीप सिंह राहुल गाँधी के खास हैं उनके कारनामे कैसे भूले जा सकते हैं। एक और वरिष्ठ नेता नारायण दत्त तिवाड़ी की प्रतिष्ठा भी ऐसी ही रही।

आईटम शब्द क्या है ? अक्सर इस शब्द को क्लब में नाचने वाली डांसर को या फिल्मों में एकाध डांस में दिखने वाली डांसर या बार में डांस करने वाली डांसर को बोलै जाता है,हालाँकि ये कोई बुरे काम नहीं हैं और मेहनत मजदूरी के काम हैं लेकिन आम भाषा में ये अच्छाई के रूप में नहीं लिए जाते हैं।

इमरती देवी न तो किसी बार में काम करती हैं और न ही किसी फिल्म में फिर उनके लिए इस शब्द को कहने का मतलब सिर्फ उनका अपमान करना है और कांग्रेस की महिलाओं और दलितों के प्रति आंतरिक सोच को दर्शाती है।

अगर कभी कांग्रेस महिला और दलित के बारे कुछ चिंता प्रकट करती है तो उसका सीधा मतलब वह राजनीती कर रही है जिसकी वजह से उसने 55 सालों तक देश पर राज किया न कि उसका इनके प्रति कोई सम्मान है। अभी हाल ही के दिनों में एक दलित महिला के साथ हाथरस में अनाचार हुआ वहां राहुल और प्रियंका तो दौड़े दौड़े चले आए लेकिन वहीँ उत्तरप्रदेश में बलरामपुर और राजस्थान में भी इसी तरह की घटनाएं हुई वहां जाने की बात तो दूर इन्होने इस मामलों की निंदा तक नहीं की।

मध्यप्रदेश में इस समय उपचुनाव हैं तो हो सकता है कांग्रेस हाई कमान दिखावे के लिए कोई कार्यवाही कर दे या निंदा का झूठा दिखावा कर दे लेकिन यह सिर्फ राजनीती के लिए होगा न कि सच्चे ह्रदय से।

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