देश की आजादी के बाद आज तक कई बार देखा गया है इस्लामिक पत्रकारों द्वारा भगवा के विरोध में या भगवा का मजाक बनाने में एक महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

आइए देखते हैं एक इस्लामिक पत्रकार का चुनाव सभा को भगवा वैज्ञानिक के नाम से उपहास बनाने की पहल।

क्या ये लोग भूल गए जिस हैदराबाद की बीजेपी रैली के लिए इस तरह का मजाक बना रहे हैं कभी हर घर पे हरा झंडा लगाने का भी मजाक बनाया है।

आखिर ये अल्पसंख्यक के नाम पर कब तक हिंदुओं की आस्था का मजाक बनायेंगे।

एक तरफ इस्लाम के नाम पर सोसल मीडिया में ऐसे कई मजहबी कार्टून के नाम पर कत्ल करने वाले आतंकियों को गलत कहें या पत्रकारिता के नाम पर हिंदू आस्था का मजाक करने वाली इन जैसे पत्रकारों के मानसिकता को गलत कहें।
चिंतन का विषय है।

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