उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आज 49वां जन्मदिन हैं. उनका जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में हुआ था. एक महंत से यूपी की सत्ता के शीर्ष पर पहुंचने वाले योगी आदित्‍यनाथ का नाम अजय सिंह बिष्‍ट था, लेकिन नाथ सम्प्रदाय की ओर से दीक्षा लेने के बाद उन्होंने अपना नाम बदलकर योगी आदित्यनाथ रख लिया था.
इतने कम समय में जिस तरह से योगी जी ने अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपना परचम लहराया है यह बड़ी उपलब्धि है उस शख्स के लिए जो पहले योगी था, फिर राजनेता बना और अब अपने काम के बलबूते जननेता बन गया। अपनी बुलंद आवाज, बेदाग छवि और सख्त प्रशासक वाली शख्सियत से उन्होंने जनता का दिल जीता और अपने सियासी विरोधियों को भी चित कर दिया . मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 19 मार्च, 2017 को प्रदेश के विधान सभा चुनावों में बीजेपी की बड़ी जीत के बाद यूपी के 21वें मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।

‘योगी’ राजनीति के ‘एंग्री यंग मैन’

योगी की शख्सियत पर नजर डालें तो वे कई रंग में नजर आते हैं. कभी एक संन्यासी , कभी एक छात्र नेता के रूप में. कभी गांधीगीरी करते योगी, तो कभी अपने तल्ख तेवर वाले योगी. कभी भावुक होते योगी तो कभी सियासत में बड़ा उलटफेर कर सियासी पंडितों को हैरान करने वाले योगी. 15 फरवरी 1994 को नाथ संप्रदाय के सबसे प्रमुख मठ गोरखनाथ मंदिर के उत्तराधिकारी के रूप में अपने गुरु महंत अवैद्यनाथ से दीक्षा ली थी. बस यहीं से गोरखपुर की राजनीति में एक ‘एंग्री यंग मैन’ की यह धमाकेदार एंट्री हुई.

कट्टर हिंदूवादी लेकिन, मुस्लिम विरोधी नहीं

सीएम योगी पर आरोप लगते हैं कि वे कट्टर हिंदूत्व की छवि वाले नेता हैं , हालांकि ये सच नहीं है, गोरखनाथ मंदिर में हर रोज भंडारा होता है, उस भंडारे में हर रोज हजारों की संख्या में मुस्लिम खाना खाते हैं. मुख्यमंत्री बनने से पहले योगी आदित्यनाथ जब सांसद हुआ करते थे तो इसी मंदिर में जनता दरबार लगाते थे, जहां हर रोज सैकड़ों मुस्लिम अपनी फरियाद लेकर आते थे और उनकी हर संभव मदद की जाती थी.

आज के युवकों के लिये इस ओजस्‍वी संन्यासी का जीवन एक आदर्श है . दीन-हीन को गले लगाने की हमारे देश में संन्यासियों की प्राचीन परम्परा है। योगी भी एक ऐसे धर्म का अनुयायी होने में हमें गर्व का अनुभव करा रहे हैं.

योगी जी की महानता है कि अपने पिता जी की मृत्यु के बाद भी उन्‍होंने अपने राज धर्म को नहीं छोड़ा। कोरोना काल में उन्होंने अपनी निजी भावनाओं से बढ़ कर प्रदेश सेवा को महत्त्व दिया। योगी का यह भाव उनकी कर्त्तव्य निष्ठा को दिखाता है , ऐसे महान व्यक्ति का प्रदेश का मुख्यमंत्री होना उस प्रदेश की जनता के लिए सौभाग्य की बात है। योगी में कठिन निर्णय लेने का साहस है और लोगों की जरूरतों को समझने की काबिलियत। जिस कारण वो न सिर्फ धर्म की रक्षा कर रहे हैं अपितु प्रदेश को आर्थिक तौर पर भी मजबूत बनाने के लिए अग्रसर हैं। 

Kreately परिवार की ओर से भी माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को जन्मदिन की बहुत बधाई

 

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