‘दि कश्मीर फाइल्स’ चलचित्र से संबंधित विशेष संवाद में अभिनेताओं ने प्रस्तुत की स्पष्ट भूमिका !

   ‘दि कश्मीर फाइल्स’ चलचित्र ने भारत में बडी क्रांति उत्पन्न की है । 32 वर्ष जो सत्य जनता से छिपाकर रखा गया थावह लोगों के सामने आने से बडी जागृति हुई है । इस चलचित्र के पश्‍चात प्रदर्शित अनेक चलचित्रों से लोगों ने मुंह मोड लिया है । इससे लोगों ने स्पष्ट किया है किवे क्या देखना चाहते हैंउन्हें क्या अच्छा लगता है । ‘सब चलता है’ ऐसा नहीं हैअपितु ‘केवल सच चलता है !’ (केवल सत्य देखना अच्छा लगता हैयह ‘दि कश्मीर फाइल्स’ चलचित्र को मिलनेवाले अभूतपूर्व प्रतिसाद से दिखाई दिया हैऐसा स्पष्ट प्रतिपादन ‘दि कश्मीर फाइल्स’ चलचित्र में ‘शारदा पंडित’ नामक पीडित हिन्दू महिला की भूमिका करने वाली प्रसिद्ध अभिनेत्री भाषा सुंबली ने किया । वे हिन्दू जनजागृति समिति आयोजित ‘दि कश्मीर फाइल्स’ को हिन्दू समाज का साथ क्या है अभिनेताओं के मन में विचार ?’इस ‘ऑनलाइन’ विशेष संवाद में बोल रही थीं ।

अभिनेत्री भाषा सुंबली ने आगे कहा कियह चलचित्र ‘कश्मीर में जो हुआवह भारत में अन्य स्थानों पर न हो’इसकी भी जागृति कर रहा हैपरंतु जिन लोगों को यह सत्य नहीं चाहिएजिन लोगों ने कश्मीरी हिन्दुओं का नरसंहार किया हैजिन्हें यह नरसंहार छिपाना हैवही लोग इस चलचित्र का विरोध कर रहे हैं । इस चलचित्र के कारण देशभर में जागृति होने से यह विषय समाप्त हो गया हैऐसा नहीं हैअपितु इससे केंद्र सरकार को सक्रिय होकर कश्मीरी हिन्दुओं को न्याय दिलवाने के लिए कार्यवाही करनी चाहिए ।

        इस समय अभिनेता तथा लेखक श्रीयोगेश सोमण ने कहा किकश्मीर के विषय पर इससे पूर्व ‘हैदर’, ‘मिशन कश्मीर’, ‘रोजा’ आदि अनेक चलचित्र प्रदर्शित हुएपरंतु इन चलचित्रों में कश्मीरी हिन्दुओं पर हुए अत्याचार दिखाने के स्थान पर एक पक्ष दिखाया गया । आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति उत्पन्न करने से लेकर भारतीय सेना कश्मीर में कैसे अत्याचार कर रही हैयह दिखाया गया । इसलिए ये चलचित्र लोगों के मन में स्थान नहीं बना पाए । इसके विपरीत सत्य और वास्तविक जानकारी दिखाने के कारण ‘दि कश्मीर फाइल्स’ चलचित्र लोगों के मन में स्थान बना पाया है । यदि ‘उरी’, ‘दि कश्मीर फाइल्स’ आदि चलचित्र मोदी सरकार के प्रचार के लिए बनाए गए हैंऐसे आरोप लग रहे होंतो इससे पूर्व के चलचित्र क्या कांग्रेस और तत्कालीन राज्यकर्ताओं के प्रचार के लिए बनाए गए थे ? ‘हैदर’ चलचित्र के प्रभाव के कारण उसका एक कलाकार चलचित्र के पश्‍चात आतंकवादी कार्यवाहियों में सम्मिलित हो गया । विशिष्ट विचारधारा लोगों पर लादने का काम पहले हुआ होतो अब दूसरा पक्ष लोगों के सामने आना चाहिए । इस चलचित्र के कारण वाम विचारधारा वालेआधुनिकतावादीउदारता मतवादी लोग चिंतित हो गए हैंक्योंकि उनके द्वारा प्रस्तुत असत्य इतिहास पर प्रश्‍न चिन्ह उत्पन्न हो गया है । लोग उनकी पुस्तकों पर अनेक प्रश्‍न पूछ रहे हैंऐसा भी श्रीसोमण ने कहा ।

श्री. रमेश शिंदे,
राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति

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