श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र मंदिर ट्रस्ट द्वारा अयोध्या में जमीन खरीद में तथाकथित घोटाले के आरोपों पर विश्व हिंदू परिषद ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मानहानि का मुकदमा करने की चेतावनी दी है। इस बारे में ‘डू-पॉलिटिक्स’ ने जब VHP से बात की तो उन्होंने आम आदमी पार्टी नेता के आरोपों को राजनीति से प्रेरित और गुमराह करने वाला बताया है।

उत्तर प्रदेश चुनाव से ठीक से पहले समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी नें अयोध्या के जमीन घोटाले का आरोप लगाकर माहौल को गरमा दिया है। विपक्षी पार्टियाँ भी इसे हाथों हाथ लेकर राजनीतिक रोटियाँ सेंकने की कोशिश कर रही हैं। VHP नें इन आरोपों को पूरी तरह ख़ारिज करते हुए आरोप लगाने वालों पर मानहानि का मुकदमा करने की बात कही है।

VHP की ओर से कहा गया है कि राम मंदिर का निर्माण प्रमाणिक और पारदर्शी है। इस आंदोलन को बदनाम करने का प्रयास दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसा लगता है कि कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिए झूठ का अभियान चला रहे हैं। राजनीतिक दल इस मामले का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन ये विश्वास से जुड़ा मामला है।

करेंगे मानहानि का दावा, माफी माँगने पर भी नहीं छोड़ेंगे
VHP के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने ‘डू पॉलिटिक्स’ से बात करते हुए बताया कि राम मंदिर के लिए जमीन का सौदा पूरी तरह पारदर्शी सौदा है। कुछ लोगों नें कागजों के सहारे झूठा प्रचार किया जबकि सारा सौदा ऑनलाइन हुआ है और पारदर्शी भी है। उन्होंने कहा कि हम झूठे आरोप लगाने वालों के खिलाफ मानहानि का दावा करेंगे और अवश्य करेंगे।

मामले की जानकारी देते हुए वीएचपी प्रवक्ता विनोद बंसल ने आरोपों नकारते हुए कहा, “AAP नेता हमेशा से जाली कागजों के सहारे झूठे इल्ज़ाम लगाने की राजनीति करते रहे हैं और बाद में माफ़ी माँग कर भाग खड़े होते हैं, लेकिन इस बार इन्हें माफ़ी माँगने पर भी नहीं छोड़ा जाएगा।”

VHP प्रवक्ता नें आरोप लगाने वालों को चैलेंज किया कि अगर उनके आरोपों में सच्चाई है तो वो कोर्ट जाएँ, यकीनन वहाँ से भी ये लोग थप्पड़ खाकर लौटेंगे। उन्होंने कहा ये लोग उत्तर प्रदेश चुनावों में फायदा उठाने के लिए झूठ फैला कर लोगों को भ्रमित कर रहे हैं।

मौजूदा दर पर पारदर्शी सौदे के तहत खरीदी जमीन
वीएचपी प्रवक्ता विनोद बंसल ने जमीन सौदे के बारे में जानकारी देते हुए हमें बताया कि जमीन असली मालिक कुसुम पाठक के नाम पर थी। कुछ समय पहले सुल्तान अंसारी और रवि मोहन त्रिपाठी नें कुसुम पाठक से एक समझौते पर हस्ताक्षर करवाए थे, जिसके तहत जमीन उस समय की वैल्यू के हिसाब से 2 करोड़ में बेचने ओर सहमति बनी थी।

उन्होंने कहा:

“राम मंदिर निर्माण की घोषणा के बाद अयोध्या में जमीनों के रेट बढ़ गए। इसके बाद योगी जी ने अयोध्या क्षेत्र में अनेक परियोजनाओं की घोषणा कर दी, इससे भी जमीनों के दाम आसमान छूने लगे। अच्छी कीमत मिलने के चलते कुसुम पाठक इस जमीन को बेचने के लिए सहमत थी मगर वो पहले ही बिक्री का समझौता 2 करोड़ में कर चुकी थी। इस जमीन को बेचने के लिए प्रॉपर्टी डीलर सुल्तान अंसारी और रवि मोहन त्रिपाठी भी राजी थे, लेकिन कुसुम पाठक की मर्जी के बिना वो भी इसे बेच नहीं सकते थे क्योंकि उनके बीच इसे बेचने का समझौता नहीं था।”

पूरी तरह पारदर्शी है सौदा
विनोद बंसल ने बताया कि सभी लोगों की आपसी सहमति से मन्दिर के लिए यह जमीन बेचने की सहमति बनी। कुसुम ने यह जमीन सुल्तान अंसारी और रवि मोहन त्रिपाठी को उस वक्त के समझौते के अनुसार 2 करोड़ में बेची और उसी दिन मन्दिर ट्रस्ट ने सुल्तान अंसारी और रवि मोहन त्रिपाठी से यह जमीन वर्तमान मूल्य के हिसाब खरीदी। यह जमीन अब लगभग 24 करोड़ रुपए की है, जिसे हमनें 18.5 करोड़ रूपए में खरीदना उचित समझा।

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि जमीन की खरीद में कोई भी अनियमिता नहीं है। सौदा पारदर्शी तरीके से हुआ है। सौदे से जुड़ी सब जानकारी ऑनलाइन मौजूद है। सौदे में एक रुपए का भुगतान भी नकद में नहीं किया गया है। झूठे आरोप लगाने वालों को इस बार सबक सिखाया जाएगा।

हनुमानगढ़ी महंत ने कहा, करेंगे 50 करोड़ रूपए की मानहानि का मुकदमा
श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट पर लग रहे आरोपों को लेकर अयोध्या के हनुमानगढ़ी के महंत राजूदास ने नाराजगी जताते हुए आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह पर 50 करोड़ रुपए के मानहानि का दावा करने की बात कही है।

उन्होंने सरकार और ट्रस्ट से इन आरोपों की उच्च स्तरीय जाँच कराने की अपील करते हुए कहा कि यदि जाँच में यह आरोप गलत पाए गए तो संजय सिंह पर 50 करोड़ रुपए की मानहानि का मुकदमा किया जाएगा। उन्होंने कहा विश्व हिंदू परिषद पर उँगली उठाना देश के हिंदुओं की आस्था पर उँगली उठाना है।

‘AAP‘ नेता संजय सिंह ने लगाया था आरोप
आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के जमीन से जुड़े दस्तावेज दिखाए थे और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर सीधे सीधे भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। उन्होंने आरोप लगाया कि 2 करोड़ रुपए मूल्य की जमीन कुछ ही सेकंड में 18 करोड़ रुपए की हो गई।

संजय सिंह ने घोटाले के आरोप लगाते हुए कहा कि प्रति सेकंड जमीन की कीमत साढ़े पाँच लाख रुपए बढ़ी, ऐसा दुनिया के किसी देश मे नहीं होता। उन्होंने जमीन खरीद के सौदे की प्रवर्तन निदेशालय या सीबीआई टीम से जाँच करवाने की माँग की थी।

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