कश्मीरी हिन्दुओं पर अत्याचार का भीषण सत्य प्रस्तुत करने वाली ‘दी कश्मीर फाइल्स’ के उपरांत ‘द केरला स्टोरी’ फिल्म वर्तमान में भारत में जोरदार चर्चा का विषय बन गया है । इस फिल्म के कारण धर्मांधों के चंगुल से हिन्दू युवतियों की रक्षा के लिए हिन्दुओं को जागृत होना, धर्म शिक्षा लेना एवं धर्म रक्षा करना कितना आवश्यक है, इसका महत्त्व ध्यान में आया है । विशेष बात यह है कि इस समस्या का मूल और धर्मांध शक्तियों द्वारा संपूर्ण जगत में चलाए जा रहे ‘लव जिहाद’ का षड्यंत्र समाज के सामने उजागर हो गया है । इस षड्यंत्र की दाहकता इतनी तीव्र है कि उसे उजागर करने वाली ‘द केरल स्टोरी’ फिल्म देश में दिखाया न जाए; इसलिए विरोधी सीधे न्यायालय पहुंच गए । न्यायालय द्वारा इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग निरस्त किए जाने के उपरांत भी सदा की भांति विशिष्ट समाज का उदात्तीकरण करने के लिए तमिलनाडु एवं पश्चिम बंगाल राज्यों में राज्य सरकार ने इस फिल्म पर प्रतिबंध लगा दिया है । अन्य राज्यों में भी सिनेमागृह (थियेटर) के मालिकों को धमकियां दी गई हैं । इन सभी बाधाओं का सामना कर आज यह फिल्म वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित हो रहा है और उसे अच्छा प्रतिसाद भी मिल रहा है । इसका कारण है जागृत हो रहा हिन्दू मन ! स्वतंत्रता के उपरांत हिन्दू मन का ईसाईकरण, इस्लामीकरण के साथ ही निधर्मीकरण करने के लिए भरपूर प्रयत्न किए गए । इसलिए जन्म से हिन्दू; परंतु मन से एवं विचारों से अहिन्दुओं की लोक संख्या में वृद्धि होने लगी; परंतु अब यह चित्र बदल रहा है और हिन्दू मन जागृत हो रहा है । स्वयं पर हो रहे अन्याय के विरोध को उजागर करने का धैर्य और साहस हिन्दुओं में जागृत हो रहा है । हिन्दू धर्म रक्षा के लिए सक्रिय होने के लिए प्रेरित हो रहे हैं । अब वे हिन्दुत्व की महिमा समझ गए हैं । आज देशभर में हिन्दू राष्ट्र का अभियान जोर पकड रहा है । यह जागृति होने में हिन्दुत्व संगठनों का संगठन करनेवाले अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन का विशेष योगदान है ।
आज हिन्दू जागृत होकर उस पर होने वाले अन्याय के विरोध में आवाज उठा रहा है; परंतु हिन्दुओं द्वारा धर्म रक्षा के लिए दी हुई पुकार को ‘हेट स्पीच’ कहते हुए हिन्दुत्वनिष्ठों को लक्ष्य किया रहा है । धर्मांध एवं साम्यवादियों द्वारा तथाकथित ‘हेट स्पीच’के अंतर्गत हिन्दुत्वनिष्ठों के भाषणों के विरोध में जनहित याचिका प्रविष्ट कर हिन्दुओं को लक्ष्य किया जा रहा है । भारत के टुकडे न हों, इस विषय में हिन्दुओं में जनजागृति करना क्या ‘हेट स्पीच’ है ?, यदि हिन्दू अपना देश एवं धर्म बचाने के लिए बोले, तो क्या वह ‘हेट स्पीच’ है ? वास्तव में हिन्दू संस्कृति में ‘हेट’को स्थान ही नहीं है । हिन्दुत्वनिष्ठों द्वारा किए गए वक्तव्यों के कारण कानून एवं सुव्यवस्था बिगड गई हो, ऐसी कोई भी घटना नहीं हुई है । तब भी प्रशासन पर दबाव डालकर देशभर में हिन्दुओं के विरोध में अपराध प्रविष्ट किए गए हैं । इसके विपरीत कुछ पंथों द्वारा ‘सर तन से जुदा’ का आवाहन करते हुए अनेक हिन्दुत्वनिष्ठों की हत्या की जा रही है; परंतु उनके विरोध में तथाकथित ‘आधुनिकतावादी’, ‘सेक्युलर’ अथवा ‘पीस’ वाले कोई याचिका प्रविष्ट करते दिखाई नहीं दिए । कुल मिलाकर पुलिस एवं न्याययंत्रणा की दिशा हिन्दुओं के विरोध में चल रहा एक भयानक षड्यंत्र है ।
चुनावों में भी कुछ राजकीय पक्षों द्वारा हिन्दू विरोधी भूमिका अपनाई जा रही है । हाल ही में हुए कर्नाटक विधानसभा के चुनावों के घोषणापत्र में कांग्रेस पक्ष ने मुस्लिम मतों के लिए चापलूसी करने हेतु ‘बजरंग दल’ पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की । विधानसभा चुनावों में विजय मिलने पर अब कांग्रेस गोहत्या बंदी, हिजाब बंदी आदि निर्णय पीछे लेने की तैयारी में है । धर्मांधों द्वारा अब सीधे हिन्दुओं के कार्यक्रम एवं उत्सवों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की जा रही है । आगे जाकर क्रूरकर्मा ‘टीपू’ का उदात्तीकरण आरंभ होगा । विद्यालय की पाठ्य पुस्तकों में आक्रामकों का इतिहास पुन: पढाने का निर्णय लिया जाएगा । कुल मिलाकर हिन्दुओं को पुन: संघर्ष करना होगा, ऐसी स्थिति है ।
वास्तव में भारत में हिन्दू अपने अस्तित्व की लढाई लड़ रहे हैं । गत कुछ दशकों में निर्माण हुए अफगानिस्तान, श्रीलंका, नेपाल, भूटान, तिब्बत, म्यानमार, पाकिस्तान आदि देश भारत से तोड दिए गए । इनमें से अनेक इस्लामी राष्ट्र हो गए । वर्तमान में भारत का इस्लामीकरण एवं ईसाईकरण का प्रयोग शुरू है । इसलिए भारत के 9 राज्यों में हिन्दू अल्पसंख्यक हो गए हैं । वहां हिन्दुओं को दोयम नागरिक के रूप में देखा जाता है । हिन्दुओं पर अत्याचार बढ गए हैं, यह ‘मणिपुर’ की हिंसक घटनाओं से पुन: एक बार सामने आया है । कुल मिलाकर इस देश के पुन: अनेक टुकडे कर देश का विभाजन किया जाएगा, इस धोखे के विषय में हिन्दुओं को सजग रहना चाहिए । यदि भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित नहीं किया, तो भारत का इस्लामीकरण होने में देर नहीं लगेगी ।
हिन्दुओं के विरोध में किए जाने वाले इन विविध षड्यंत्रों को उजागर करने में ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशनों’ का महत्त्वपूर्ण योगदान है । वर्ष 2012 में गोवा में ‘पहला अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ संपन्न हुआ था । प्रथम अधिवेशन से लेकर आज तक ‘हिन्दू राष्ट्र का उद्घोष’, ‘हिन्दूजागृति’ एवं ‘हिन्दूसंगठन’ ही अधिवेशनों का उद्देश्य रहा है । पहले हिन्दू राष्ट्र कहते ही, उसकी ओर नकारात्मक एवं जातीय दृष्टि से देखा जाता था, परंतु आज गांव–गांव के हिन्दू भी हिन्दू राष्ट्र को समर्थन दे रहे हैं । इसका कारण है हिन्दू धर्म की सर्वसमावेशकता एवं विश्व कल्याणकारी संकल्पना ! अन्य पंथ काफिरों को मार डालने की बातें करते हैं अथवा संपूर्ण विश्व को ईसाई बनाने का स्वप्न देखते हैं । हिन्दू ही केवल विश्वकल्याण की कामना करते हैं । आज विदेशों में भी हिन्दुत्व के प्रति आकर्षण बढ रहा है और उसका कारण है हिन्दू धर्म का कल्याणकारी तत्त्वज्ञान ! हिन्दू धर्म पर हो रहे आघातों के विषय में जागृति करते हुए हिन्दू धर्म आचरण में लाने की दृष्टि से जागृति करने में भी अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है ।
निधर्मी व्यवस्था में हिन्दुओं की रक्षा करनी हो, तो केवल राष्ट्रीय ही नहीं, अपितु अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हिन्दू संगठन करना, काल की आवश्यकता है । अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन उस दृष्टि से महत्त्वपूर्ण कदम है । इस अधिवेशन के माध्यम से भारत के संत महात्मा, हिन्दुत्ववादी संगठनों के पदाधिकारी, मंदिरों के विश्वस्त आदि की उपस्थिति में गोवा में अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन आयोजित किया जा रहा है । इस अधिवेशन में हिन्दू राष्ट्र की दृष्टि से विचार मंथन होने के साथ ही हिन्दुत्व का कार्य करते समय आने वाले अच्छे–बुरे अनुभवों का आदान प्रदान होता है, इसके साथ ही वर्ष भर के लिए हिन्दुत्व के कार्य की दिशा निर्धारित की जाती है । देश–विदेश के 300 से भी अधिक अग्रणी हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के सहभाग के कारण इस अधिवेशन के माध्यम से हिन्दू राष्ट्र को मूर्त स्वरूप में आने की प्रक्रिया घड रही है ।
इस बार भी 16 से 22 जून तक गोवा में एकादश (ग्यारहवें) अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन अर्थात ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ हो रहा है । उसमें लव जिहाद, हलाल सर्टिफिकेशन, लैंड जिहाद, काशी–मथुरा मुक्ति, धर्मांतरण, गोहत्या, मंदिर संस्कृति की रक्षा, कश्मीरी हिन्दुओं का उनकी मातृभूमि पर पुनर्वसन, पाकिस्तान एवं बांग्लादेश के हिन्दुओं पर अत्याचार जैसे विविध जिहादी आक्रमणों के साथ ही हिन्दू राष्ट्र की नींव के लिए आवश्यक आगामी महत्त्वपूर्ण विषयों पर विचार मंथन होगा, इसके साथ ही कृति की रूपरेखा भी तैयार की जाएगी । इस अधिवेशन का हिन्दू जनजागृति समिति के यू–ट्यूब, फेसबुक एवं ट्विटर अकाउंट पर, इसके साथ ही www.hindujagruti.org जाल स्थल पर लाइव प्रक्षेपण किया जाने वाला है । आज तक किए गए आंदोलनों में समस्त हिन्दुओं को मिल रही सफलता की पृष्ठभूमि पर यह अधिवेशन समस्त हिन्दुओं के लिए अत्यंत उत्साहपूर्ण होगा, इसमें कोई शंका ही नहीं है ।
– संकलक : श्री. रमेश शिंदे, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति,
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