विशेष संवाद : ‘अजमेर बलात्कार कांड…’
चिश्ती के वंशज एवं यूथ कांग्रेस के फारुख, नफीस एवं अन्वर चिश्ती ने अजमेर बलात्कार कांड किया । इससे संबंधित फिल्म ‘अजमेर कांड’ हम सितंबर 2023 को प्रदर्शित करने का प्रयत्न कर रहे हैं । सेन्सर बोर्ड इस फिल्म के पोस्टर, बैनर एवं संवाद पर आपत्ति उठा रहा है । मेरी फिल्म के कलाकारों और मुझे धमकियां भी दी जा रही हैं । सत्य घटना बताने का विरोध क्यों किया जा रहा है ? इसमें सेक्युलर हिन्दू ही हमारा विरोध कर रहे हैं । ‘अजमेर बलात्कार कांड’ से संबंधित फिल्म यदि हमें प्रदर्शित नहीं करने दी गई, तो उस फिल्म को हम ‘यू-ट्यूब’ पर प्रदर्शित करेंगे, ऐसे ‘अजमेर कांड’ फिल्म के लेखक एवं निर्देशक श्री. सचिन कदम ने कहा है । वे हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा ‘अजमेर बलात्कार कांड: मुसलमानों की तुष्टीकरण का परिणाम ?’ इस विषय पर आयोजित विशेष संवाद में बोल रहे थे । हाल ही देशभर में ‘अजमेर 92’ फिल्म प्रदर्शित हुई है । उसके पश्चात अब ‘अजमेर कांड’ यह दूसरी फिल्म प्रदर्शन के मार्ग पर है ।
इस अवसर पर दिल्ली स्थित सर्वोच्च न्यायालय की अधिवक्ता मणि मित्तल ने कहा कि ‘अजमेर बलात्कार कांड’ प्रकरण में कितनी हिन्दू बालिकाओं एवं युवतियों पर सामूहिक बलात्कार हुए, इसकी 100, 200 अथवा 250 विशिष्ट संख्या बताना भी कठिन है । अत्याचार होने के पश्चात इन अवयस्क लडकियों के फोटो खींचकर उन्हें ‘ब्लैकमेल’ किया गया । इसके पश्चात अनेक लडकियों ने आत्महत्या की । बलात्कार जैसे प्रकरण में पुलिस की भूमिका भी सकारात्मक होती है; परंतु इस प्रकरण में पुलिस की भूमिका भी नकारात्मक रही है । ‘कश्मीर फाइल्स’, ‘दि केरला स्टोरी’ जैसी फिल्मों के पश्चात अब ‘अजमेर 92’ फिल्म प्रदर्शित हुई है । उस समय अजमेर बलात्कार कांड बडे स्वरूप में हुआ; परंतु आज भी अनेक स्थानों पर वह छोटे स्वरूप में हो रहा है । आज भी हिन्दुओं को पश्चिमी संस्कृति का अंधानुकरण छोडकर जागृत होना चाहिए एवं अपने लडके-लडकियों में जागृति करनी चाहिए ।
इस समय राजस्थान के ‘सद्गुरु’ समाचार पत्र एवं वेब पोर्टल के संपादक श्री. विजय सिंह ने कहा, अजमेर बलात्कार कांड में 200 से अधिक हिन्दू युवतियों पर अत्याचार होने पर भी अनेक आरोपियों को निर्दाेष छोड दिया गया । तब क्या हुआ, यह उस समय ठीक से पता नहीं चला एवं आज भी जनता को ठीक से पता नहीं चला है । उस समय कुछ समाचारपत्रों ने ही इससे संबंधित समाचार छापे, इसलिए यह विषय उजागर हुआ । ‘अजमेर 92’ फिल्म आने पर हिन्दू लडकियों पर किस प्रकार अत्याचार हुए, यह आने वाले पीढी को भी पता चलेगा । अजमेर दरगाह से जुडे लोगों को पवित्र माना जाता है, उन्होंने ही यह ‘अजमेर बलात्कार कांड’ का पाप किया है । अजमेर दरगाह में आज भी अनेक हिन्दू श्रद्धापूर्वक जाते हैं । अब हिन्दुओं काे ही निश्चित करना है कि, उन्हें क्या करना है ?
चिश्ती के वंशज एवं यूथ कांग्रेस के फारुख, नफीस एवं अन्वर चिश्ती ने अजमेर बलात्कार कांड किया । इससे संबंधित फिल्म ‘अजमेर कांड’ हम सितंबर 2023 को प्रदर्शित करने का प्रयत्न कर रहे हैं । सेन्सर बोर्ड इस फिल्म के पोस्टर, बैनर एवं संवाद पर आपत्ति उठा रहा है । मेरी फिल्म के कलाकारों और मुझे धमकियां भी दी जा रही हैं । सत्य घटना बताने का विरोध क्यों किया जा रहा है ? इसमें सेक्युलर हिन्दू ही हमारा विरोध कर रहे हैं । ‘अजमेर बलात्कार कांड’ से संबंधित फिल्म यदि हमें प्रदर्शित नहीं करने दी गई, तो उस फिल्म को हम ‘यू-ट्यूब’ पर प्रदर्शित करेंगे, ऐसे ‘अजमेर कांड’ फिल्म के लेखक एवं निर्देशक श्री. सचिन कदम ने कहा है । वे हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा ‘अजमेर बलात्कार कांड: मुसलमानों की तुष्टीकरण का परिणाम ?’ इस विषय पर आयोजित विशेष संवाद में बोल रहे थे । हाल ही देशभर में ‘अजमेर 92’ फिल्म प्रदर्शित हुई है । उसके पश्चात अब ‘अजमेर कांड’ यह दूसरी फिल्म प्रदर्शन के मार्ग पर है ।
इस अवसर पर दिल्ली स्थित सर्वोच्च न्यायालय की अधिवक्ता मणि मित्तल ने कहा कि ‘अजमेर बलात्कार कांड’ प्रकरण में कितनी हिन्दू बालिकाओं एवं युवतियों पर सामूहिक बलात्कार हुए, इसकी 100, 200 अथवा 250 विशिष्ट संख्या बताना भी कठिन है । अत्याचार होने के पश्चात इन अवयस्क लडकियों के फोटो खींचकर उन्हें ‘ब्लैकमेल’ किया गया । इसके पश्चात अनेक लडकियों ने आत्महत्या की । बलात्कार जैसे प्रकरण में पुलिस की भूमिका भी सकारात्मक होती है; परंतु इस प्रकरण में पुलिस की भूमिका भी नकारात्मक रही है । ‘कश्मीर फाइल्स’, ‘दि केरला स्टोरी’ जैसी फिल्मों के पश्चात अब ‘अजमेर 92’ फिल्म प्रदर्शित हुई है । उस समय अजमेर बलात्कार कांड बडे स्वरूप में हुआ; परंतु आज भी अनेक स्थानों पर वह छोटे स्वरूप में हो रहा है । आज भी हिन्दुओं को पश्चिमी संस्कृति का अंधानुकरण छोडकर जागृत होना चाहिए एवं अपने लडके-लडकियों में जागृति करनी चाहिए ।
इस समय राजस्थान के ‘सद्गुरु’ समाचार पत्र एवं वेब पोर्टल के संपादक श्री. विजय सिंह ने कहा, अजमेर बलात्कार कांड में 200 से अधिक हिन्दू युवतियों पर अत्याचार होने पर भी अनेक आरोपियों को निर्दाेष छोड दिया गया । तब क्या हुआ, यह उस समय ठीक से पता नहीं चला एवं आज भी जनता को ठीक से पता नहीं चला है । उस समय कुछ समाचारपत्रों ने ही इससे संबंधित समाचार छापे, इसलिए यह विषय उजागर हुआ । ‘अजमेर 92’ फिल्म आने पर हिन्दू लडकियों पर किस प्रकार अत्याचार हुए, यह आने वाले पीढी को भी पता चलेगा । अजमेर दरगाह से जुडे लोगों को पवित्र माना जाता है, उन्होंने ही यह ‘अजमेर बलात्कार कांड’ का पाप किया है । अजमेर दरगाह में आज भी अनेक हिन्दू श्रद्धापूर्वक जाते हैं । अब हिन्दुओं काे ही निश्चित करना है कि, उन्हें क्या करना है ?
श्री. रमेश शिंदे, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति
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