#इस्लाम_की_ताकत

दक्षिण भारतीय फिल्मों की अभिनेत्री सना खान और एक मस्जिद के मौलवी मुहम्मद अनस के निकाह का यह चित्र भारत भर में चर्चा का विषय बना हुआ है।

कुछ लोग इसमें मुहम्मद अनस पर व्यंग्यबाण छोड़ते हुए हल्के कमेंट करते हुए अपनी खीज मिटा रहे हैं और कुछ लोग सना खान का मजाक उड़ा रहे हैं, रही हैं।

लेकिन मेरे अनुसार यह इस्लाम की ताकत का सबसे बड़ा सुबूत है।

न तो मुहम्मद अनस कोई बड़ा उद्योगपति आदमी है, न कोई सुदर्शन व्यक्तित्व और न ही कोई बहुत शक्तिशाली पद पर है, वह तो जोकरनुमा चेहरे और और वेशभूषा वाला एक कट्टर मुस्लिम व इस्लाम का विद्वान भर है जबकि दूसरी ओर सना खान?

एक बहुत सुंदर, पर्याप्त धनी, चर्चित अभिनेत्री जिसके लिये किसी भी अमीर आदमी से शादी करना कोई मुश्किल काम नहीं था।

लेकिन उसने चुना इस एक साधारण परंतु कट्टर इस्लामी विद्वान को।

ऐसा नहीं है कि सना ने ये निकाह शरीयत की किसी धारा को नकारकर किया हो या यह शर्त लगाई हो कि अनस दूसरी बीबी नहीं ला सकेगा या तीन तलाक नहीं देगा। वो ये सब जानती है लेकिन उसने किसी उदार हिंदू की तुलना में एक कट्टर मौलाना को चुना क्योंकि सना के लिये इस्लाम उसका अपना मजहब है चाहे उसमें लाख बुराई हों जबकि हिंदू लड़कियों को फेमनिज्म के नाम पर हिंदुत्व जैसे उदार धर्म और हिंदू युवकों जैसे उदार पुरुषों में भी हजारों कमियाँ दिखाई देती हैं।

क्या कोई हिंदू फेमनिस्टिक मोहतरमा एक उदाहरण बताएगी जब किसी हिन्दू अभिनेत्री ने किसी विद्वान ब्राह्मण पुजारी से उसकी विद्वता पर मोहित होकर शादी की हो?

शून्य…..निल…..जीरो बटा सन्नाटा।

हिंदू लड़की तो प्रेम किसी से करेगी और बाद में तौल मोलकर किसी ज्यादा एप्रोच वाले लड़के में ऑपरच्यूनिटी देखकर, ‘मैं पापा का दिल नहीं तोड़ सकती।’ का डायलॉग मारकर, अपने हनीमून की पिक्स शेयर करती नजर आती है।

हाँ फेमनिज्म के नाम पर हिंदुत्व के सिद्धान्तों, पर्वों, परंपराओं और महापुरुषों पर शूर्पणखा बनकर नाखून चलवा लो।

थू!

किसी को मेरी बात बुरी और भयानक लगेगी लेकिन हिंदू लड़कियों का ‘तोल मोल चरित्र’ व ‘हिंदुत्व के प्रति तिरस्कार’ और सना खान, आरफा खानम और शेहला रशीद जैसी लड़कियों को देखकर मुझे कहना पड़ेगा कि भारत में हिंदुओं की हार निश्चित है।

हिंदुओं की हार निश्चित है क्योंकि नारी ही धर्म और विचार का आधार होती है और हिंदुओं के पास अब कोई नारी आदर्श दूर दूर तक वर्तमान परिदृश्य में नहीं है जबकि उनके यहाँ इस्लाम के प्रति समर्पित नारियों के प्रतिदिन उदाहरण निकलकर सामने आ रहे हैं।

सना का आप बेशक मजाक उड़ायें लेकिन उसने कम से कम मेरे ह्रदय का सम्मान अर्जित किया है।

काश हिंदुत्व में भी आज ऐसी लड़कियाँ होतीं!

Note….बात सिर्फ यहां Selebrity लड़कियों की हो रही है…
हिन्दू लड़की Celebrity को अपने धर्म से कोई मतलब नहीं..

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.