‘कुंभमेले की बदनामी का राजनीतिक षड्यंत्र’ इस विषय पर ऑनलाइन विशेष संवाद !

   ‘कुंभमेले के कारण देशभर में कोरोना फैला’, ऐसा अपप्रचार करने के लिए ‘टूलकिट’ का उपयोग भारत को अस्थिर करने के लिए किया जा रहा है ।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आवाहन करने पर कुंभमेले का समय शेष होते हुए भी साधु-संतों ने कुंभ का समापन किया । हरिद्वार के अनेक मठ, रास्ते सभी रिक्त हो गए थे । इस हेतु साधु-संतों का अभिनंदन करना चाहिए । उसके स्थान पर ‘उन्होंने पूरे देश में कोरोना फैलाया’ ऐसा कलंक लगाना महापाप है । भारत का दुर्भाग्य है कि देश के अनेक प्रसारमाध्यम, लेखक, विदेशी शक्तियों के हाथों बिक गए है । इसलिए वे भारतीय संस्कृति, आस्था, धर्म, परम्पराओं पर आक्रमण करने  का एक भी अवसर नहीं छोडते । राजनीतिक स्वार्थ के लिए झूठा प्रचार करना उन्हें शोभा नहीं देता । भारतीय जनता को ऐसे अपप्रचार का वैध मार्ग से तीव्र विरोध करना चाहिए, ऐसा प्रतिपादन ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास, अयोध्या’ के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंददेवगिरीजी महाराज ने किया । वे ‘हिन्दू जनजागृति समिति’ आयोजित ‘कुंभमेला की बदनामी का राजनीतिक षड्यंत्र’, इस ‘ऑनलाइन विशेष संवाद’ में बोल रहे थे । यह कार्यक्रम समिति के जालस्थल Hindujagruti.org, यू-ट्यूब और ट्विटर द्वारा 4179 लोगों ने देखा ।

         इस संवाद में राष्ट्र और धर्म संबंधी कार्यक्रम आयोजित करनेवाले ‘जम्बू टॉक’ इस यू-ट्यूब वाहिनी के संचालक श्री. निधीश गोयल ने कहा कि, भारत में ‘टूलकिट’ का उपयोग बहुत पहले से लोगों में घृणा, वैमनस्य फैलाने के लिए किया जा रहा है । प्रथम ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’, ‘टाइम’, ‘अल-जजीरा’ जैसे अंतरराष्ट्रीय माध्यमों ने कुंभमेले के संदर्भ में अपप्रचार करना आरंभ किया । तदुपरांत भारत में स्थित उनके अनुचरों ने अपप्रचार करना आरंभ किया । चुनाव के उपरांत बंगाल में हिंसक आक्रमण होने पर कांग्रेस द्वारा कोई आपत्ति नहीं उठाई गई; लेकिन ‘टूलकिट’ प्रकरण में ट्विटर के देहली कार्यालय पर पुलिस द्वारा कार्यवाही करने पर कांग्रेस ने त्वरित आपत्ति जताई ।

         इस समय हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र और छत्तीसगढ राज्य संगठक श्री. सुनील घनवट ने कहा कि, कुंभमेले से तब्लीगी मरकज की तुलना करना अयोग्य है; क्योंकि तब्लीगियों ने अनुमति लिए बिना कार्यक्रम किया था । पुलिस के आने पर तब्लीगी भाग गए थे तथा अनेक तब्लीगियों ने यह छुपाया था कि वे कोरोना संक्रमित हैं । कोरोनाग्रस्त तब्लीगियों नेे नर्स और डॉक्टरों के साथ असभ्य वर्तन किया था । इसके विपरीत कुंभमेले में आनेवाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए कोरोना निगेटिव का प्रमाणपत्र अनिवार्य किया गया था । अनेक मठ-आश्रमों में कोरोना निगेटिव का प्रमाणपत्र प्रवेश हेतु अनिवार्य होने का फलक लगाया गया था । इसलिए कुंभमेले के कारण पूरे देश में कोरोना फैला, ऐसा झूठा अपप्रचार करनेवाली कांग्रेस को देश से क्षमायाचना करनी चाहिए । इस समय सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता श्री. राजेंद्र वर्मा ने कहा कि, कुंभमेले जैसी धार्मिक श्रद्धा का अपमान करनेवालों के विरोध में कानूनी कार्यवाही की जा सकती है । इस हेतु सभी हिन्दुओं को संगठित होकर आपसी मतभेद सर्वप्रथम दूर करना चाहिए । जिससे विरोधी शक्तियां निश्‍चित ही पराजित होंगी ।

 श्री. रमेश शिंदे,राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति 

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