पूरे देश में जारी कोरोना के महासंकट ने लोगों को एक बार फिर डरा दिया है. हालात इतने खराब हो चुके हैं कि हर राज्य की स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल खुल गई है. लेकिन झारखंड की राजधानी रांची के एक अस्पताल से जो तस्वीर सामने आई है वो आपको झकझोर कर रख देगी .
सदर अस्पताल में तड़पते पिता को बचाने के लिए बेटी की तड़प से कोई पत्थर दिल भी रो उठेगा लेकिन मजाल है जो सिस्टम पिघले. लाचार सिस्टम के सामने हजारीबाग के पवन गुप्ता ने दम तोड़ दिया. घटना रांची के सदर अस्पताल की है. जानकारी के मुताबिक मृतक का हजारीबाग के निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था. जब उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ने लगी तो परिजन आनन-फानन में निजी एंबुलेंस से लादकर रांची पहुंचे. उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. सबसे पहले परिजन राज अस्पताल गए लेकिन वहां बेड नहीं मिल सका. फिर भागते हुए सदर अस्पताल पहुंचे. लेकिन तबतक तो बहुत देर हो चुकी थी. पवन गुप्ता की मौत हो चुकी थी. यहां सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात थी कि ये वाक्या तब हुआ जब खुद सूबे के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता अस्पताल में मौजूद थे. मृतक की बेटी चीख चीख कर कह रही थी कि क्या स्वास्थ्य मंत्री मेरे पिता को लौटाएंगे.
इधर जब मामला हाथ से निकल गया तो मंत्री ने बयान दिया कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ऐसे मामलों पर फौरन एक्शन लिया जाएगा। जाहिर है जब ऐसे हालात राजधानी रांची के है तो सोचिए जरा झारखंड के और जिलों का हाल कितना बुरा होगा ।
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