कोरोना की दूसरी लहर से जहां हर रोज कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं वहीं इस समय अस्पतालों का हाल भी बहुत बुरा है, अस्पतालों पर दबाव बढ़ते जा रहे हैं, खास तौर पर अगर दिल्ली की बात करें तो यहां इंतजाम बिल्कुल ही नाकाफी दिख रहे हैं. दिल्ली के कई अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की कमी की भारी किल्लत हो रही है. दिल्ली के अस्पताल कोरोना मरीजों से भरे पड़े हैं और न के बराबर आईसीयू और वेंटीलेटर बेड बचे हैं। मंगलवार शाम को तो हालात इतने बदतर हो गये थे कि उत्तर प्रदेश के मोदीनगर से एक ऑक्सीजन टैंकर दिल्ली के जीटीबी अस्पताल पहुंचाया गया

दरअसल कल शाम ही दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने ट्वीट कर पूर्वी दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी की बात कही थी। उन्होंने बताया था कि अस्पताल के पास सिर्फ 4 घंटे का ऑक्सीजन है और ऑक्सीजन अगर सही समय पर न मिला तो दिक्कत हो सकती है। उनके इस ट्वीट के चंद घंटों के बाद ही यूपी से एक ऑक्सीजन टैंकर जीटीबी अस्पताल पहुंच गया. इस टैंकर के साथ निगरानी के लिए यूपी पुलिस के दो जवानों को भी लगाया गया था, रात करीब ढ़ाई बजे ये टैंकर अस्पताल पहुंचा. ऑक्सीजन की कमी सिर्फ GTB अस्पताल में नहीं है बल्कि LNJP अस्पताल में भी रात में ऑक्सीजन की कमी की बात के दो टैंकर पहुंचे. बताया जा रहा है कि पहला टैंकर रात में 3 बजे और दूसरा सुबह 7 बजे पहुंचा।

जाहिर है जिस तरह के दावे केजरीवाल ने किये थे उन दावों की हवा बहुत जल्दी निकल गई, ही  एक सप्ताह पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा था, “दिल्ली के अस्पतालों में इस वक्त पर्याप्त बेड्स मौजूद हैं। जनता से मेरी अपील है कि घबराएं नहीं, हो सकता है कि किसी को उसकी पसंद का अस्पताल शायद ना मिले लेकिन किसी और अस्पताल में बेड और इलाज ज़रूर मिलेगा।” लेकिन अब हालात आपके सामने है दिल्ली में न बेड है और न ऑक्सीजन। केंद्र और बगल के राज्यों से ऑक्सीजन मंगाई जा रही है। सवाल ये क्या केजरीवाल के पास आनेवाले एक सप्ताह का भी प्लान नहीं था ?

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