दिनांक 10 फरवरी से 18 फरवरी 2024 के बीच प्रगति मैदान, दिल्ली में हो रहे विश्व पुस्तक मेले में सनातन संस्था द्वारा आध्यात्मिक ग्रंथों की प्रदर्शनी लगाई गई है । हिन्दी ग्रंथ की प्रदर्शनी हॉल क्र. 1, स्टॉल क्र. क्यू 5 तथा अंग्रेजी ग्रंथ की प्रदर्शनी हॉल क्र. 1, स्टॉल क्र. एस 10 पर लगाई गई है ।

जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि जी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य व पावन चिंतन धारा आश्रम के पू. पवन सिन्हा गुरुजी ने सनातन ग्रंथ प्रदर्शनी पर भेंट दी।

सनातन संस्था ने अध्यात्मशास्त्र, सात्त्विक धर्माचरण, दैनिक आचरण से संबंधित कृति, भारतीय संस्कृति इत्यादि अनेक विषयों पर अनमोल और सर्वांग स्पर्शी ग्रंथ प्रकाशित किए हैं । सनातन धर्म के ग्रंथों का दिव्य ज्ञान समाज तक पहुंचाने के लिए सनातन संस्था की ओर से यह प्रदर्शनी लगाई गई है । यह ग्रंथ समाज के प्रत्येक जिज्ञासु, मुमुक्षु इत्यादि तक पहुंचाकर हर किसी के जीवन का कल्याण हो, तथा अधिकाधिक लोग इन ग्रंथों का लाभ लें, ऐसा आवाहन सनातन संस्था ने किया है । इस हेतु अपने मित्र व परिवार के साथ इस ग्रन्थ प्रदर्शनी का अवश्य लें। 

सनातन की अनमोल ग्रंथसंपदा में ‘बालसंस्कार’,‘धर्मशास्त्र ऐसा क्यों कहता है?’, ‘सात्त्विक रंगोलियां, ‘अलंकारशास्त्र’, ‘आचारधर्म’ सात्त्विक आहार, वेशभूषा, केशरचना, निद्रा इत्यादि के विषय में ग्रंथ; ‘देवताओं की उपासना’ ‘धार्मिक और सामाजिक कृतियों के विषय में ग्रंथ तथा ‘बाढ-भूकंप इत्यादि प्राकृतिक आपदाओं के समय स्वयं की रक्षा कैसे करें’ इत्यादि अनेक विषयों पर 364 ग्रंथ प्रकाशित किए गए हैं । 

जीवन में आनंद पाने हेतु शास्त्रोक्त धर्म आचरण तथा उचित साधना आवश्यक है । सनातन के ग्रंथ धर्म आचरण एवं साधना का उपदेश देते हैं। ‘धर्म’ राष्ट्र की नींव है । इस हेतु राष्ट्र जागृति एवं धर्मरक्षा संबंधी ग्रंथ भी हैं । सनातन के ग्रंथ की प्रमुख  विशेषताएं हैं, कि अध्यात्म संबंधी प्रत्येक कृत्य के विषय में ‘क्यों’ और ‘कैसे’ के शास्त्रोक्त उत्तर इन ग्रंथों में उपलब्ध हैं। इनमें वैज्ञानिक परिभाषा में वैज्ञानिक उपकरणों के लिए परीक्षणों का समावेश किया गया है। बुद्धि से परे का अध्यात्म सिखाने वाले शिक्षण परीक्षण भी इन ग्रंथों में अंतर्भूत किए गए हैं। इस कारण ये परिपूर्ण अध्यात्म सिखाने वाली ग्रंथमालिका है।

श्री. चेतन राजहंसप्रवक्ता, सनातन संस्था,

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