छत्तीसगढ़ के जशपुर में बीजेपी प्रदेश मंत्री प्रबल प्रताप सिंह जूदेव इन दिनों धर्मांतरण गैंग वालों के सामने एक चट्टान की तरह खड़े हैं, या यूं कहे कि इनके काम को देखकर धर्मांतरण गिरोह की जमीन हिल चुकी है. दरअसल क्रिसमस के दिन राजा प्रबल प्रताप और आर्य समाजी अंसुदेव जी के नेतृत्व में 250 ईसाई परिवार के 600 लोगों ने हिंदू धर्म में वापसी की.

इस कार्यक्रम के दौरान पूरे विधि-विधान और मंत्रोच्चार के साथ प्रबल प्रताप सिंह ने 250 परिवार के सभी लोगों के पैर गंगा जल से धोकर उनको हिंदू धर्म में दोबारा शामिल करवाया। साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की हमें हिंदू धर्म की रक्षा के एकजुट होने की जरूरत है। धर्मांतरण के जरिए कुछ लोग हिंदुओं को कमजोर कर रहे हैं ।

KreatelyMedia  से बात करते हुए उन्होंने बताया कि ‘ये काम मेरे पिता स्वर्गीय दिलीप सिंह जुदेव ने शुरू किया था जिसे मैं आगे बढ़ा रहे हैं. वे वैसे लोगों को हिंदू धर्म में वापस लाते थे जो पूजा-पद्धति से दूर चला जाता था. जिस काम को मेरे पिता ने शुरू किया था उसे आगे बढ़ाकर मैं बहुत गौरवान्वित हूं।‘ प्रबल प्रताप जी ने बताया कि हम छत्तीसगढ़ के अलावा कई और राज्यों में घर वापसी का काम कर रहे हैं  .

हालांकि छत्तीसगढ़ जैसे इलाके में धर्मांतरण गैंग के खिलाफ काम करना इतना भी आसान नहीं है, इसपर उनका कहना था कि एक तो नक्सल गतिविधियां और दूसरी धर्मांतरण गैंग की षडयंत्रकारी शक्तियों की वजह से हमेशा एक रिस्क फैक्टर बना रहता है बावजूद इसके हम पीछे हटने वाले नहीं । छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के बढ़ते मामलों की पहली वजह उन्होंने कोरोना महामारी और दूसरी राज्य की सत्ता में कांग्रेस का होना बताया । उन्होंने कहा कि “कोरोना महामारी के समय मिशनरियों ने बड़े पैमाने पर लोगों का धर्मांतरण किया. जिस भी प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है वहां धर्मांतरण गैंग फल-फूल रहा है . हाल के दिनों में पंजाब में सरकार की आंखों के सामने जिस तरह से सिखों का बड़े पैमाने पर धर्मांतरण हुआ है, वो साफ दिख रहा है ।

ये धर्मांतरण गैंग सेवा के नाम सौदा कर रहा है, ये लोग मानवता की सेवा के नाम पर धर्म परिवर्तन करते हैं जो सरासर गलत है ।

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